गीत
कभी नकद तो कभी उधार
पैसे पर बिकता संसार
सूरज विकता तारे बिकते
नभ के घन कजरारे बिकते
बिकती नदी किनारे बिकते
धरती के रस सारे बिकते
ऊसर बंजर सब बिक जाता
बिकता उर्वर और पठार
पैसे पर बिकता संसार।1|
शंकर बिकते संबर बिकता
पोरस और सिकंदर बिकता
औदुंबर पैगंबर बिकता
राम नाम का अंबर बिकता
अनुशासक निर्देशक बिकता
बिकते मजिस्ट्रेट मुख्तार
पैसे पर बिकता संसार।2।
शव पर रोने वाले बिकते
चिता लगाने वाले बिकते
मृतकों तक की अर्थी को भी
कंधा देने वाले बिकते
लकड़ी कफन बांस आदिक की
मरघट में है लगी बाजार
पैसे पर बिकता संसार।3।
गृह विद्युत परिवहन बिक रहा
रेल वित्त उड्डयन बिक रहा
हर मंत्रालय हुआ बिकाऊ
सारा संसद भवन बिक रहा
संविधान को रखकर गिरवी
जेब भर रही है सरकार
पैसे पर बिकता संसार।4।
बड़े-बड़े जगलर बिक जाते
सम्मानित अफसर बिक जाते
पैसो के ऊपर क्रिकेट के
बैट्समैन बालरबिक जाते
नेता अभिनेता बिक जाते
हो जाती है इज्जत खार
पैसे पर बिकता संसार।5।
धोखाधड़ी अपहरण हमला
प्रतिदिन हेराफेरी घपला
घोटालों पर है घोटाला
निजी हो या सरकारी अमला
जगह-जगह पड़ रही डकैती
लूटमलूट मची है यार
पैसे पर बिकता संसार।6।
कोर्ट कचहरी हलका थाना
सब पैसे पर हुआ दीवाना
त्राहि त्राहि करती है जनता
अधिकारी भर रहा खजाना
शिक्षा तुल्य महकमों में भी
जारी है पैसे की मार
पैसे पर बिकता संसार।7।
वैद्य हकीम हुए उद्योगी
दवा बेच लेते उपयोगी
जिनके पास नहीं है पैसा
हाय हाय करते वे रोगी
अस्पताल मैं भी पैसे का
दिखलाई पड़ता व्यवहार
पैसे पर विकता संसार।8।
क्या अनपढ़ क्या शिक्षित लाबी
पैसा हुआ सभी पर हावी
यही वजह है हर स्थिति में
धनपशुओं की बढ़ी नवाबी
पैसे वाला ही समाज में
समझा जाता है दमदार
पैसे पर बिकता संसार।8।
देसी कौवा बोल मराठी
भैंस उसी की जिसकी लाठी
पैसे की कीमत मत पूछो
घोड़े के सह बिकती काठी
जब से धन खाते में आया
भाड़ बने हैं इज्जत दार
पैसे पर बिकता संसार।9।
बाहुबली प्रधान हो रहा
उस का ही गुणगान हो रहा
अद्भुत माया है पैसे की
पैसे पर मतदान हो रहा
राज्यसभा से लोकसभा तक
बदमाशों की है भरमार
पैसे पर विकता संसार।10।
एक से बढ़कर एक हरामी
जिलाबदर कुख्यात इनामी
दरअपराधी चर्चित कामी
हत्या लूट के सरअंजामी
पैसे के बल पर शासन में
पहुंच गए मेरे करतार
पैसे पर बिकता संसार।11।
चले दलों के बीच लड़ाई
शोर शराबा हाथापाई
कुर्सी माइक फेंक के मारो
यही सदन की कार्रवाई
इस दर से बेहतर है काफी
हिंसक पशुओं का दरबार
पैसे पर बिकता संसार।12।
हिंदी अंग्रेजी या अरबी
कोई कितना ही हो अदबी
डिग्री लिए खड़ा रह जाता
पैसेवाला पाता पदवी
विद्वानों की जगह कर रही
मूढ़ों की भर्ती सरकार
पैसे पर बिकता संसार।13।
पैसे को ही जाना जाता
पैसा ही पहचाना जाता
पैसे वाला ही इस युग में
परम पूज्य है माना जाता
पैसे से ही शोहरत मिलती
पैसे से मिलता अधिकार
पैसे पर बिकता संसार।14।
इस दुनिया में मेरे संगी
पैसे की बद्दुआ है तंगी
बेबस हो पैसे के पीछे
औरत हो जाती अधनंगी
पैसे पर ही नर नारी का
मंचों पर करता किरदार
पैसे पर विकता संसार।15।
मुंशी पटवारी को पैसा
दर्जी पंसारी को पैसा
बढ़ई भंडारी को पैसा
सब्जी व्यापारी को पैसा
किसको नहीं चाहिए पैसा
सेठ महाजन साहूकार
पैसे पर बिकता संसार।16।
चाहे गर्मी हो या ठंडी
मुर्गा दारू मछली मंडी
ग्राहक भीड़ मचाए रहते
दिल्ली हो या हो तलवंडी
सूअरों तक का मीट बिक रहा
वाह रे गिद्धों के अवतार
पैसे पर बिकता संसार।17।
कैसे कैसे आता पैसा
कैसे-कैसे जाता पैसा
दुनिया को भरमाता पैसा
गली-गली दौड़ाता पैसा
एक एक पैसे के पीछे
मुंह की खाते कई हजार
पैसे पर बिकता संसार।18।
किसी को मिलती सूखी रोटी
कोई काट रहा है बोटी
ओढ़े कोई साल दुशाला
पहने कोई फटी लँगोटी
अदभुत लीला है पैसे की
कहीं है पतझड़ कहीं बहार
पैसे पर बिकता संसार।19।
बेशकीमती माल मसाला
काट रहा है पैसे वाला
स्वर्ण भस्म व शिलाजीत से
जवाँ हो रहा सत्तरसाला
उसको देवालय के बदले
रोज चाहिए बीयरबार
पैसे पर बिकता संसार।20।
पैसा रोग बना बुनियादी
जैसे चढ़ा बुखार मियादी
पैसे के पीछे पागल हो
नाच रही सारी आबादी
पैसा करा रहा आपस में
प्यार मोहब्बत का संघार
पैसे पर विकता संसार।21।
क्या दिल्ली क्या मथुरा काशी
क्या प्रयाग क्या सूरत झांसी
मैंने अपनी आंख से देखा
घूम-घूमकर कोश पचासी
जहां भी देखो वही हो रही
पैसे को लेकर तकरार
पैसे पर विकता संसार।22।
पैसा ही भरता है झोली
पैसा ही चलवाता गोली
पैसा ही भाई भाई की
बंद करा देता है बोली
पैसा ही मन के आंगन में
उठवा देता है दीवार
पैसे पर विकता संसार।23।
पैसे में अगणित कुटिलाई
पैसे ने हर ली सच्चाई
फिर भी हर इंसान के दिल में
पैसे ने वह जगह बनाई
मिलता नहीं है जो करता हो
पैसा लेने से इंकार
पैसे पर बिकता संसार।24।
पैसा बना हुआ कमजोरी
भले ही आए भर-भर बोरी
किसी आदमी की पैसे से
बेशक भर्ती नहीं तिजोरी
पैसे की चाहत है इतनी
जिसका नहीं है पारावार
पैसे पर बिकता संसार।25।
सुंदर से सुंदर है पैसा
बेहतर से बेहतर है पैसा
पैसे पर बिक रहा आदमी
जीवन से बढ़कर है पैसा
पैसा हीरा पैसा मोती
पैसा ही सुख का आधार
पैसे पर बिकता संसार।26।
भौतिक शौकतशान है पैसा
जन्नत का सोपान है पैसा
सुख है पैसा दुख है पैसा
सुख-दुख के दरमियान है पैसा जिसके पास नहीं है पैसा
उसके सम्मुख है अँधियार
पैसे पर बिकता संसार।27।
स्वागत है सम्मान है पैसा
कल युग का वरदान है पैसा
जीवन का प्रतिमान है पैसा
अपने में भगवान है पैसा
पैसे के ऊपर दुनिया का
टिका हुआ है कारोबार
पैसे पर बिकता संसार।28।
सरग नरक का सेतु है पैसा
पाप पुण्य का हेतु है पैसा
पैसे को दांतो से पकड़ो
धर्म-कर्म का केतु है पैसा
तीरथ बरत नहीं कर सकता
जो है पैसे से लाचार
पैसे पर बिकता संसार।29।
अपने अंतर्पट को खोलो
संत बचन कानों में घोलो
पैसे के खातिर कोई हो
उसको बुरा बचन मत बोलो
मुट्ठी बांध भले आए हो
जाना है पर हाथ पसार
पैसे पर बिकता संसार।30।
डॉक्टर कृष्ण कुमार तिवारी नीरव फैजाबाद
कभी नकद तो कभी उधार
पैसे पर बिकता संसार
सूरज विकता तारे बिकते
नभ के घन कजरारे बिकते
बिकती नदी किनारे बिकते
धरती के रस सारे बिकते
ऊसर बंजर सब बिक जाता
बिकता उर्वर और पठार
पैसे पर बिकता संसार।1|
शंकर बिकते संबर बिकता
पोरस और सिकंदर बिकता
औदुंबर पैगंबर बिकता
राम नाम का अंबर बिकता
अनुशासक निर्देशक बिकता
बिकते मजिस्ट्रेट मुख्तार
पैसे पर बिकता संसार।2।
शव पर रोने वाले बिकते
चिता लगाने वाले बिकते
मृतकों तक की अर्थी को भी
कंधा देने वाले बिकते
लकड़ी कफन बांस आदिक की
मरघट में है लगी बाजार
पैसे पर बिकता संसार।3।
गृह विद्युत परिवहन बिक रहा
रेल वित्त उड्डयन बिक रहा
हर मंत्रालय हुआ बिकाऊ
सारा संसद भवन बिक रहा
संविधान को रखकर गिरवी
जेब भर रही है सरकार
पैसे पर बिकता संसार।4।
बड़े-बड़े जगलर बिक जाते
सम्मानित अफसर बिक जाते
पैसो के ऊपर क्रिकेट के
बैट्समैन बालरबिक जाते
नेता अभिनेता बिक जाते
हो जाती है इज्जत खार
पैसे पर बिकता संसार।5।
धोखाधड़ी अपहरण हमला
प्रतिदिन हेराफेरी घपला
घोटालों पर है घोटाला
निजी हो या सरकारी अमला
जगह-जगह पड़ रही डकैती
लूटमलूट मची है यार
पैसे पर बिकता संसार।6।
कोर्ट कचहरी हलका थाना
सब पैसे पर हुआ दीवाना
त्राहि त्राहि करती है जनता
अधिकारी भर रहा खजाना
शिक्षा तुल्य महकमों में भी
जारी है पैसे की मार
पैसे पर बिकता संसार।7।
वैद्य हकीम हुए उद्योगी
दवा बेच लेते उपयोगी
जिनके पास नहीं है पैसा
हाय हाय करते वे रोगी
अस्पताल मैं भी पैसे का
दिखलाई पड़ता व्यवहार
पैसे पर विकता संसार।8।
क्या अनपढ़ क्या शिक्षित लाबी
पैसा हुआ सभी पर हावी
यही वजह है हर स्थिति में
धनपशुओं की बढ़ी नवाबी
पैसे वाला ही समाज में
समझा जाता है दमदार
पैसे पर बिकता संसार।8।
देसी कौवा बोल मराठी
भैंस उसी की जिसकी लाठी
पैसे की कीमत मत पूछो
घोड़े के सह बिकती काठी
जब से धन खाते में आया
भाड़ बने हैं इज्जत दार
पैसे पर बिकता संसार।9।
बाहुबली प्रधान हो रहा
उस का ही गुणगान हो रहा
अद्भुत माया है पैसे की
पैसे पर मतदान हो रहा
राज्यसभा से लोकसभा तक
बदमाशों की है भरमार
पैसे पर विकता संसार।10।
एक से बढ़कर एक हरामी
जिलाबदर कुख्यात इनामी
दरअपराधी चर्चित कामी
हत्या लूट के सरअंजामी
पैसे के बल पर शासन में
पहुंच गए मेरे करतार
पैसे पर बिकता संसार।11।
चले दलों के बीच लड़ाई
शोर शराबा हाथापाई
कुर्सी माइक फेंक के मारो
यही सदन की कार्रवाई
इस दर से बेहतर है काफी
हिंसक पशुओं का दरबार
पैसे पर बिकता संसार।12।
हिंदी अंग्रेजी या अरबी
कोई कितना ही हो अदबी
डिग्री लिए खड़ा रह जाता
पैसेवाला पाता पदवी
विद्वानों की जगह कर रही
मूढ़ों की भर्ती सरकार
पैसे पर बिकता संसार।13।
पैसे को ही जाना जाता
पैसा ही पहचाना जाता
पैसे वाला ही इस युग में
परम पूज्य है माना जाता
पैसे से ही शोहरत मिलती
पैसे से मिलता अधिकार
पैसे पर बिकता संसार।14।
इस दुनिया में मेरे संगी
पैसे की बद्दुआ है तंगी
बेबस हो पैसे के पीछे
औरत हो जाती अधनंगी
पैसे पर ही नर नारी का
मंचों पर करता किरदार
पैसे पर विकता संसार।15।
मुंशी पटवारी को पैसा
दर्जी पंसारी को पैसा
बढ़ई भंडारी को पैसा
सब्जी व्यापारी को पैसा
किसको नहीं चाहिए पैसा
सेठ महाजन साहूकार
पैसे पर बिकता संसार।16।
चाहे गर्मी हो या ठंडी
मुर्गा दारू मछली मंडी
ग्राहक भीड़ मचाए रहते
दिल्ली हो या हो तलवंडी
सूअरों तक का मीट बिक रहा
वाह रे गिद्धों के अवतार
पैसे पर बिकता संसार।17।
कैसे कैसे आता पैसा
कैसे-कैसे जाता पैसा
दुनिया को भरमाता पैसा
गली-गली दौड़ाता पैसा
एक एक पैसे के पीछे
मुंह की खाते कई हजार
पैसे पर बिकता संसार।18।
किसी को मिलती सूखी रोटी
कोई काट रहा है बोटी
ओढ़े कोई साल दुशाला
पहने कोई फटी लँगोटी
अदभुत लीला है पैसे की
कहीं है पतझड़ कहीं बहार
पैसे पर बिकता संसार।19।
बेशकीमती माल मसाला
काट रहा है पैसे वाला
स्वर्ण भस्म व शिलाजीत से
जवाँ हो रहा सत्तरसाला
उसको देवालय के बदले
रोज चाहिए बीयरबार
पैसे पर बिकता संसार।20।
पैसा रोग बना बुनियादी
जैसे चढ़ा बुखार मियादी
पैसे के पीछे पागल हो
नाच रही सारी आबादी
पैसा करा रहा आपस में
प्यार मोहब्बत का संघार
पैसे पर विकता संसार।21।
क्या दिल्ली क्या मथुरा काशी
क्या प्रयाग क्या सूरत झांसी
मैंने अपनी आंख से देखा
घूम-घूमकर कोश पचासी
जहां भी देखो वही हो रही
पैसे को लेकर तकरार
पैसे पर विकता संसार।22।
पैसा ही भरता है झोली
पैसा ही चलवाता गोली
पैसा ही भाई भाई की
बंद करा देता है बोली
पैसा ही मन के आंगन में
उठवा देता है दीवार
पैसे पर विकता संसार।23।
पैसे में अगणित कुटिलाई
पैसे ने हर ली सच्चाई
फिर भी हर इंसान के दिल में
पैसे ने वह जगह बनाई
मिलता नहीं है जो करता हो
पैसा लेने से इंकार
पैसे पर बिकता संसार।24।
पैसा बना हुआ कमजोरी
भले ही आए भर-भर बोरी
किसी आदमी की पैसे से
बेशक भर्ती नहीं तिजोरी
पैसे की चाहत है इतनी
जिसका नहीं है पारावार
पैसे पर बिकता संसार।25।
सुंदर से सुंदर है पैसा
बेहतर से बेहतर है पैसा
पैसे पर बिक रहा आदमी
जीवन से बढ़कर है पैसा
पैसा हीरा पैसा मोती
पैसा ही सुख का आधार
पैसे पर बिकता संसार।26।
भौतिक शौकतशान है पैसा
जन्नत का सोपान है पैसा
सुख है पैसा दुख है पैसा
सुख-दुख के दरमियान है पैसा जिसके पास नहीं है पैसा
उसके सम्मुख है अँधियार
पैसे पर बिकता संसार।27।
स्वागत है सम्मान है पैसा
कल युग का वरदान है पैसा
जीवन का प्रतिमान है पैसा
अपने में भगवान है पैसा
पैसे के ऊपर दुनिया का
टिका हुआ है कारोबार
पैसे पर बिकता संसार।28।
सरग नरक का सेतु है पैसा
पाप पुण्य का हेतु है पैसा
पैसे को दांतो से पकड़ो
धर्म-कर्म का केतु है पैसा
तीरथ बरत नहीं कर सकता
जो है पैसे से लाचार
पैसे पर बिकता संसार।29।
अपने अंतर्पट को खोलो
संत बचन कानों में घोलो
पैसे के खातिर कोई हो
उसको बुरा बचन मत बोलो
मुट्ठी बांध भले आए हो
जाना है पर हाथ पसार
पैसे पर बिकता संसार।30।
डॉक्टर कृष्ण कुमार तिवारी नीरव फैजाबाद
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