चलते-चलते:२३.०२.२०१७ गुरूवार
गुरुकुल
🌻🌻🌻
जब गुरुकुल के आदर्शों का, मान बढ़ाया जाता है
और गुरू के पदपंकज पर, पुष्प चढ़ाया जाता है
जब गुरुवर के ज्ञान ध्यान का, हमसब वंदन करते हैं
औऱ गुरू की पदरज को हम, अपना चंदन करते हैं
जब गुरुवर की राहों को हम, अपनी राह बनाते हैं
और उन्ही की छाया मे हम, सारे सुख पा जाते हैं
तब जीवन के अर्थों का भी, सत्य दिखाई देता है
विश्वासों का अंकुर भी तब, स्वयं जन्म ले लेता है
तब जीवन की बगिया मे, हर काल कली मुस्काती है
परम प्रभू की करुण कृपा तब, नेह सुधा छलकाती है
किन्तु हुई सब बात पुरानी, कहाँ कभी कब दिखती है
कहाँ लेखनी किसी कवी की, कहो कहीं कब लिखती है
गुरुकुल की इस लुप्त विधा का, आओ हमसब मान करें
और हमारे आदर्शों का, खुद ही हम सम्मान करें
🌹ओम अग्रवाल (बबुआ), मुंबई
गुरुकुल
🌻🌻🌻
जब गुरुकुल के आदर्शों का, मान बढ़ाया जाता है
और गुरू के पदपंकज पर, पुष्प चढ़ाया जाता है
जब गुरुवर के ज्ञान ध्यान का, हमसब वंदन करते हैं
औऱ गुरू की पदरज को हम, अपना चंदन करते हैं
जब गुरुवर की राहों को हम, अपनी राह बनाते हैं
और उन्ही की छाया मे हम, सारे सुख पा जाते हैं
तब जीवन के अर्थों का भी, सत्य दिखाई देता है
विश्वासों का अंकुर भी तब, स्वयं जन्म ले लेता है
तब जीवन की बगिया मे, हर काल कली मुस्काती है
परम प्रभू की करुण कृपा तब, नेह सुधा छलकाती है
किन्तु हुई सब बात पुरानी, कहाँ कभी कब दिखती है
कहाँ लेखनी किसी कवी की, कहो कहीं कब लिखती है
गुरुकुल की इस लुप्त विधा का, आओ हमसब मान करें
और हमारे आदर्शों का, खुद ही हम सम्मान करें
🌹ओम अग्रवाल (बबुआ), मुंबई
0 comments:
Post a Comment