YESTERDAY
+91 88960 98567कवि दीपक अवस्थी
2:34
9:49 AM
+91 91292 98404Agnihotri satyam
[9:57 AM, 2/21/2017] +91 91292 98404: दिल
तो कहता है
की छोड़ दू
ये इंटरनेट की दुनिया, पर आज कल
इसके सिवा दोस्त कहां मिलते
है..
9:57 AM
+91 83828 08591Mr Rahul Trivedi
+91 91292 98404Agnihotri satyam
दिल
तो कहता है
की छोड़ दू
ये इंटरनेट की दुनिया, पर आज कल
इसके सिवा दोस्त कहां मिलते
है..
[10:22 AM, 2/21/2017] +91 83828 08591: बात तो 101प्रतिशत सही है
यकीन मानो मुझे एक भी दोस्त नहीं मिला
10:22 AM
+91 91292 98404Agnihotri satyam
+91 83828 08591Mr Rahul Trivedi
बात तो 101प्रतिशत सही है
यकीन मानो मुझे एक भी दोस्त नहीं मिला
[10:38 AM, 2/21/2017] +91 91292 98404: मुझे भी
10:38 AM
[10:40 AM, 2/21/2017] +91 91292 98404: "फूल बनकर मुस्कुराना जिन्दगी है,मुस्कुरा के गम भूलाना जिन्दगी है,मिलकर लोग खुश होते है तो क्या हुआ,बिना मिले दोस्ती निभाना भी जिन्दगी है
10:40 AM
+91 83828 08591Mr Rahul Trivedi
+91 88960 98567कवि दीपक अवस्थी
2:34 Audio
[11:52 AM, 2/21/2017] +91 83828 08591: गजब का तरन्नुम है भाई
मन प्रफुल्लित हो गया सुनकर
11:52 AM
+91 74172 41331अभि शायराना
एक सुन्दर तस्वीर दिखाई थी तुम्हारी आँखों ने।
जीने की तरक़ीब सिखाई थी तुम्हारी आँखों ने।।
तुम कैसे जानोगे, तुम तो चन्द दिनों में चले गए।
मुझमें एक उम्मीद जगाई थी तुम्हारी आँखों ने।।
अभि शायराना
[11:54 AM, 2/21/2017] +91 87951 24923: http://sahitaysewamanch.blogspot.com/2017/02/abhi-shayrana.html
11:54 AM
+91 83828 08591Mr Rahul Trivedi
12:16 PM
[12:58 PM, 2/21/2017] +91 83828 08591: कोकिल अब तो आ जाना!
मधुर दिवस ने दिन घेरा है
रात्रिकाल सुख का डेरा है
मधुमासी समीर परिमल भी
सखि! अभाव केवल तेरा है।
बैठ रसाल डाल तरुवर पर
मीठे बोल सुना जा ना!
आ विदायी दे दें ठिठुरन को
अलसाई जन-मन अनबन को
हम दोनों चल रूप निहारें
बैठ मास वासंती तन को।
देख मानना नेह निमन्त्रण
करना कोई बहाना ना!!
पतझड़ देख लगे ऐसे कि
चीर प्रकृत छोड़ रही सी
एक यौवना पहन वसन नव
करे अलंकृत तन जैसे कि।
कूक रहे बच्चे बागों । आ!
इनसा कोई दीवाना ना।
दिखे गगन यह कोरा कोरा
नही पड़ा बादल का डोरा
पता तुझे कल इन्ही दिनों में
मेघों ने भू तल सर बोरा।
बीत गई पुर साल बिना सखि!
अब कहीं समय बिताना ना।
कर दिनकर हौले होले हैं
कृषकों ने कर-पग खोले हैं
कहीं कनिक सरसों लहलहावे
कहीं ईख गन्ने छोले हैं।
सौरभ सुरभि आए बौरों से
बौर खिले !बौराना ना!!
कोकिल अब तो आ जाना!
-अविरल
12:58 PM
Kavi Sachin Mishra Learn
+91 88960 98567कवि दीपक अवस्थी
2:34 Audio
[1:04 PM, 2/21/2017] Kavi Sachin Mishra Learn: वाह वाह
1:04 PM
Kavi Sachin Mishra Learn
+91 74172 41331अभि शायराना
एक सुन्दर तस्वीर दिखाई थी तुम्हारी आँखों ने।
जीने की तरक़ीब सिखाई थी तुम्हारी आँखों ने।।
तुम कैसे जानोगे, तुम तो चन्द दिनों में चले गए।
मुझमें एक उम्मीद जगाई थी तुम्हारी आँखों ने।।
अभि शायराना
[1:06 PM, 2/21/2017] Kavi Sachin Mishra Learn: वाह
1:06 PM
+91 83828 08591Mr Rahul Trivedi
+91 80031 11491hemant
0:50
[1:23 PM, 2/21/2017] +91 83828 08591: वाह
1:23 PM
+91 83828 08591Mr Rahul Trivedi
+91 80031 11491hemant
1:11
[1:24 PM, 2/21/2017] +91 83828 08591: गजब
1:24 PM
+91 88960 98567कवि दीपक अवस्थी
Kavi Sachin Mishra Learn
वाह वाह
[2:18 PM, 2/21/2017] +91 88960 98567:

2:18 PM
+91 80031 11491hemant
[2:47 PM, 2/21/2017] +91 80031 11491: हिन्दुस्तान जिन्दाबाद, रहा है रहेगा सदा!
आन बान शान मान, प्यारा मेरा हिन्दुस्तान!!
हिन्दुस्तान अद्वितीय, समतुल्य नहीं कोई!
अनुपम अमर अजर मेरा हिन्दुस्तान!!
हिन्दुस्तान देश नहीं, ह्रदय की धड़कन!
इंकलाब वाला उद्गोश, मेरा हिन्दुस्तान!!
हिन्दुस्तान के खिलाप, पाक तेरी क्या औकात!
सैतालिस में जन्मा तू, बाप तेरा हिन्दुस्तान!!
हेमन्त
2:47 PM
2:50 PM
+91 99077 88544
धर्मेन्द्र द्विवेदी-DK
+91 80031 11491hemant
1:05
[4:10 PM, 2/21/2017] +91 99077 88544: गजब
4:10 PM
+91 80031 11491hemant
+91 99077 88544
धर्मेन्द्र द्विवेदी-DK
गजब
[4:11 PM, 2/21/2017] +91 80031 11491:

4:11 PM
+91 87262 40991@infinite1997
+91 80031 11491hemant
हिन्दुस्तान जिन्दाबाद, रहा है रहेगा सदा!
आन बान शान मान, प्यारा मेरा हिन्दुस्तान!!
हिन्दुस्तान अद्वितीय, समतुल्य नहीं कोई!
अनुपम अमर अजर मेरा हिन्दुस्तान!!
हिन्दुस्तान देश नहीं, ह्रदय की धड़कन!
इंकलाब वाला उद्गोश, मेरा हिन्दुस्तान!!
हिन्दुस्तान के खिलाप, पाक तेरी क्या औकात!
सैतालिस में जन्मा तू, बाप तेरा हिन्दुस्तान!!
हेमन्त
[4:15 PM, 2/21/2017] +91 87262 40991: 





4:15 PM
+91 80031 11491hemant
+91 87262 40991@infinite1997





[4:22 PM, 2/21/2017] +91 80031 11491:


4:22 PM
+91 88589 41341Manish garg Manish
+91 94509 66995
कुछ दोहे हँसमुख के...सादर समीक्षार्थ....
१--
जीवन से थक हार कर,
मत बैठो एकान्त/
महायुद्ध में आज के,
पथिक रहो मत श्रान्त//
२--
श्रान्त अगर तुम हो गये,
तो जागेगा कौन/
काल चक्र का गान यह, हो जाएगा मौन//
३--
मौन रहो, न होने दो,
मन में कोई क्षोभ/
मिथ्या जननी मौन की,
सबका कारक लोभ//
४--
लोभ मोह छल छद्म को,
करो स्वयं से दूर/
धर्म रथी बन सत्य के,
रहो सत्य में चूर//
हँसमुख
[4:32 PM, 2/21/2017] +91 88589 41341: बहुत खूब
4:32 PM
+91 94739 81992RAJAT SHUKLA
[4:33 PM, 2/21/2017] +91 94739 81992: बॉस ने जोक सुनाया।
.
पूरी टीम हँसने लगी, सिवाये एक शख्स के।
.
बॉस ने पूछा...
"तुम्हें मेरा जोक समझ में नहीं अाया क्या?"
.
वो बोला...
"सर, मेरा दूसरी कम्पनी में सलेक्शन हो गया है।






4:33 PM
+91 99077 88544
धर्मेन्द्र द्विवेदी-DK
+91 88960 98567कवि दीपक अवस्थी
2:34 Audio
[4:35 PM, 2/21/2017] +91 99077 88544: वाह भाई दीपक
4:35 PM
+91 88960 98567कवि दीपक अवस्थी
+91 99077 88544
धर्मेन्द्र द्विवेदी-DK
वाह भाई दीपक
4:50 PM
+91 74172 41331अभि शायराना
+91 81021 65313स्वरा
वाह,,,,आँख न हुई,,,टोर्च हो गयी आपकी अँधेरी जिंदगी के लिए,,,,बहुत खूब
[5:11 PM, 2/21/2017] +91 74172 41331: 







5:11 PM
+91 74172 41331अभि शायराना
Kavi Sachin Mishra Learn
वाह
[5:12 PM, 2/21/2017] +91 74172 41331: आभार भाई
5:12 PM
+91 74172 41331अभि शायराना
You
http://sahitaysewamanch.blogspot.com/2017/02/abhi-shayrana.html
[5:14 PM, 2/21/2017] +91 74172 41331: बहुत बहुत आभार
5:14 PM
+91 83828 08591Mr Rahul Trivedi
+91 94739 81992RAJAT SHUKLA
बॉस ने जोक सुनाया।
.
पूरी टीम हँसने लगी, सिवाये एक शख्स के।
.
बॉस ने पूछा...
"तुम्हें मेरा जोक समझ में नहीं अाया क्या?"
.
वो बोला...
"सर, मेरा दूसरी कम्पनी में सलेक्शन हो गया है।





[5:38 PM, 2/21/2017] +91 83828 08591: चौका मार दिया
5:38 PM
+91 94739 81992RAJAT SHUKLA
+91 83828 08591Mr Rahul Trivedi
चौका मार दिया
[7:19 PM, 2/21/2017] +91 94739 81992: धन्यवाद
7:19 PM
+91 97210 59895हम है sunny gupta
[7:31 PM, 2/21/2017] +91 97210 59895: कल संगमनगरी में है मतदान...
इस पर एक कुण्डलिया छ्न्द






राजनीति की बह रही,संगम में अब धार।
बसपा सपा व भाजपा,तीनो दल तैयार।।
तीनो दल तैयार,सबक देगी अब जनता।
जिसका जैसा कर्म,वोट है वैसा बनता।।
कहत मदन कविराय,गजब मतदान की रीति।
जन जन को अभिशाप,देश की ये राजनीति।।





कृतिकार
सनी गुप्ता मदन
7:31 PM
+91 88960 98567कवि दीपक अवस्थी
+91 97210 59895हम है sunny gupta
कल संगमनगरी में है मतदान...
इस पर एक कुण्डलिया छ्न्द






राजनीति की बह रही,संगम में अब धार।
बसपा सपा व भाजपा,तीनो दल तैयार।।
तीनो दल तैयार,सबक देगी अब जनता।
जिसका जैसा कर्म,वोट है वैसा बनता।।
कहत मदन कविराय,गजब मतदान की रीति।
जन जन को अभिशाप,देश की ये राजनीति।।





कृतिकार
सनी गुप्ता मदन
[7:35 PM, 2/21/2017] +91 88960 98567:

7:35 PM
+91 83828 08591 left
+91 98896 97675shivam sharma gumnam
+91 83828 08591Mr Rahul Trivedi
कोकिल अब तो आ जाना!
मधुर दिवस ने दिन घेरा है
रात्रिकाल सुख का डेरा है
मधुमासी समीर परिमल भी
सखि! अभाव केवल तेरा है।
बैठ रसाल डाल तरुवर पर
मीठे बोल सुना जा ना!
आ विदायी दे दें ठिठुरन को
अलसाई जन-मन अनबन को
हम दोनों चल रूप निहारें
बैठ मास वासंती तन को।
देख मानना नेह निमन्त्रण
करना कोई बहाना ना!!
पतझड़ देख लगे ऐसे कि
चीर प्रकृत छोड़ रही सी
एक यौवना पहन वसन नव
करे अलंकृत तन जैसे कि।
कूक रहे बच्चे बागों । आ!
इनसा कोई दीवाना ना।
दिखे गगन यह कोरा कोरा
नही पड़ा बादल का डोरा
पता तुझे कल इन्ही दिनों में
मेघों ने भू तल सर बोरा।
बीत गई पुर साल बिना सखि!
अब कहीं समय बिताना ना।
कर दिनकर हौले होले हैं
कृषकों ने कर-पग खोले हैं
कहीं कनिक सरसों लहलहावे
कहीं ईख गन्ने छोले हैं।
सौरभ सुरभि आए बौरों से
बौर खिले !बौराना ना!!
कोकिल अब तो आ जाना!
-अविरल
[8:27 PM, 2/21/2017] +91 98896 97675: वाह क्या बात है
8:27 PM
+91 89541 07729कवि विनय फरेंजिया"विभोर"
[8:28 PM, 2/21/2017] +91 89541 07729: एक शेर:-
उदण्डता पर उतारू हैं हमारी आदतें जानम..
तुमसे बात करने का बहाना ढूंढ लेती हैं!!!!!

विनय फरेंजिया"विभोर"

इटावा(उत्तर प्रदेश)
Mob:-8954107729
8:28 PM
TODAY
+91 83828 08591 joined via an invite link
+91 88960 98567 added +91 97644 74786
YESTERDAY
+91 83828 08591Mr Rahul Trivedi
[10:06 PM, 2/21/2017] +91 83828 08591: Sorry plz
10:06 PM
+91 88960 98567कवि दीपक अवस्थी
+91 89541 07729कवि विनय फरेंजिया"विभोर"
एक शेर:-
उदण्डता पर उतारू हैं हमारी आदतें जानम..
तुमसे बात करने का बहाना ढूंढ लेती हैं!!!!!

विनय फरेंजिया"विभोर"

इटावा(उत्तर प्रदेश)
Mob:-8954107729
[10:08 PM, 2/21/2017] +91 88960 98567: wwah
10:08 PM
+91 83828 08591Mr Rahul Trivedi
[10:26 PM, 2/21/2017] +91 83828 08591:
यूपी पुलिस उत्तर प्रदेश
सावधान
अगर आपके घर कोइ स्वाईन फ्लू की औषध लेकर आये व् नगर पलिका या किसी सामाजिक संस्था से आया हुआ बताये और दवा पीने कहे तो उसे ना पिये.
वो बेहोश करने वाली दवा होती है. वे बेहोश करके घर का समान चोरी कर लेते है.
ऐसे काइ गिरोह सक्रिय है.
कृपया सावधान रहे और घर व आसपास सभी को बताये.
यूपी पुलिस
———————
10:26 PM
+91 97644 74786🅕🅘🅡🅞🅩 ꀘꃅꍏꈤ
[11:21 PM, 2/21/2017] +91 97644 74786: शुक्रिया







11:21 PM
+91 88960 98567कवि दीपक अवस्थी
[11:21 PM, 2/21/2017] +91 88960 98567: Swgat hai
11:21 PM
+91 74172 41331अभि शायराना
[11:22 PM, 2/21/2017] +91 74172 41331: सभी मित्रों दोस्तों और आदरणीय बड़े गुरुजनों को प्रणाम करता हूं एक रचना आपसे कुछ इस प्रकार लिखी है तो सभी के बीच रखना चाहता हूं क्योंकि बहुत अत्यधिक जानकारी नहीं रखता मैं इसलिए जो भी है जिस प्रकार पर लिख पाता हूं वही डालता हूं तो सभी का ध्यान चाहूंगा और क्या आप हम यहां हैं इसमें मूवी मुझे बताई जाए
11:22 PM
+91 88960 98567कवि दीपक अवस्थी
+91 74172 41331अभि शायराना
सभी मित्रों दोस्तों और आदरणीय बड़े गुरुजनों को प्रणाम करता हूं एक रचना आपसे कुछ इस प्रकार लिखी है तो सभी के बीच रखना चाहता हूं क्योंकि बहुत अत्यधिक जानकारी नहीं रखता मैं इसलिए जो भी है जिस प्रकार पर लिख पाता हूं वही डालता हूं तो सभी का ध्यान चाहूंगा और क्या आप हम यहां हैं इसमें मूवी मुझे बताई जाए
[11:24 PM, 2/21/2017] +91 88960 98567: स्वागत है
11:24 PM
+91 74172 41331अभि शायराना
[11:34 PM, 2/21/2017] +91 74172 41331: फिर पलट कर देख लूंगा,
अश्क फिर बहने लगेंगे।।
आवारा देखो बन गया है।
लोग फिर कहने लगेंगे।।
फिर मोहब्बत पास होगी।
दर्द फिर सहने लगेंगे।।
फिर करीब आएगा कोई।
फिर इश्क में रहने लगेंगे।।
दिल की कलियां फिर खिलेंगी।
लोग फिर जलने लगेंगे।।
फिर किसी की आस होगी।
और हम मचलने लगेंगे।।
फिर से मीठी बातें होंगी।
फिर से मुलाकात होंगी।।
फिर गमो का दरिया होगा।
फिर से वो टोहने लगेंगे।।
फिर से जगती रातें होंगी।
फिर खुद से मेरी बातें होंगी।।
क्यों किया था इश्क मुझसे।
फिर से वो कहने लगेंगे।।
फिर हाथ में मेहंदी सजेगी।
ढोल फिर बजने लगेंगे।।
फिर कहीं डोली उठेगी।
फिर से हम रोने लगेंगे।।
सोचता हूं इसलिए मैं।
दूर तनहा ही सही हूं।।
फिर पलट कर देख लूंगा।
अश्क फिर बहने लगेंगे।।
सभी मित्रों का पर थोड़ा सा ध्यान चाहूंगा कृपया थोड़ा समय देखकर कि हम देखें और कमियां बताएं सह धंयवाद मैं अभि शायराना मेरठ
11:34 PM
+91 88960 98567कवि दीपक अवस्थी
[11:42 PM, 2/21/2017] +91 88960 98567: फिर पलट कर देख लूंगा,
अश्क फिर बहने लगेंगे।।
बन गया आंवारा देखो।
लोग फिर कहने लगेंगे।।
फिर मोहब्बत पास होगी।
दर्द फिर सहने लगेंगे।।
फिर करीब आएगा कोई।
इश्क में रहने लगेंगे।।
दिल की कलियां फिर खिलेंगी।
लोग फिर जलने लगेंगे।।
फिर किसी की आस होगी।भाव फिर ढलने लगेंगे।।
फिर से मीठी बात होगी।
गम का दरिया साथ होगा।
ख्वाब में बहने लगेंगे।।
फिर से जगती रातें होंगी।
फिर खुद से मेरी बातें होंगी।।
क्यों किया था इश्क मुझसे।
फिर से वो कहने लगेंगे।।
हाथ में मेहंदी सजेगी।
ढोल फिर बजने लगेंगे।।
फिर कहीं डोली उठेगी।
फिर से हम रोने लगेंगे।।
सोचता हूं इसलिए मैं।
दूर तनहा ही सही हूं।।
फिर पलट कर देख लूंगा।
अश्क फिर बहने लगेंगे।।
सभी मित्रों का पर थोड़ा सा ध्यान चाहूंगा कृपया थोड़ा समय देखकर कि हम देखें और कमियां बताएं सह धंयवाद मैं अभि शायराना मेरठ
11:42 PM
[11:42 PM, 2/21/2017] +91 88960 98567: और भी सुधार होगा
11:42 PM
11:43 PM
+91 74172 41331अभि शायराना
11:46 PM
+91 88960 98567कवि दीपक अवस्थी
[11:47 PM, 2/21/2017] +91 88960 98567:

11:47 PM
+91 74172 41331अभि शायराना
[11:47 PM, 2/21/2017] +91 74172 41331: 



11:47 PM
+91 99360 16376Ambuj Tripathi
+91 88960 98567कवि दीपक अवस्थी
फिर पलट कर देख लूंगा,
अश्क फिर बहने लगेंगे।।
बन गया आंवारा देखो।
लोग फिर कहने लगेंगे।।
फिर मोहब्बत पास होगी।
दर्द फिर सहने लगेंगे।।
फिर करीब आएगा कोई।
इश्क में रहने लगेंगे।।
दिल की कलियां फिर खिलेंगी।
लोग फिर जलने लगेंगे।।
फिर किसी की आस होगी।भाव फिर ढलने लगेंगे।।
फिर से मीठी बात होगी।
गम का दरिया साथ होगा।
ख्वाब में बहने लगेंगे।।
फिर से जगती रातें होंगी।
फिर खुद से मेरी बातें होंगी।।
क्यों किया था इश्क मुझसे।
फिर से वो कहने लगेंगे।।
हाथ में मेहंदी सजेगी।
ढोल फिर बजने लगेंगे।।
फिर कहीं डोली उठेगी।
फिर से हम रोने लगेंगे।।
सोचता हूं इसलिए मैं।
दूर तनहा ही सही हूं।।
फिर पलट कर देख लूंगा।
अश्क फिर बहने लगेंगे।।
सभी मित्रों का पर थोड़ा सा ध्यान चाहूंगा कृपया थोड़ा समय देखकर कि हम देखें और कमियां बताएं सह धंयवाद मैं अभि शायराना मेरठ
[6:49 AM, 2/22/2017] +91 99360 16376: सुन्दर
6:49 AM
+91 94739 81992RAJAT SHUKLA
[6:54 AM, 2/22/2017] +91 94739 81992: सभी मित्रों को सुप्रभात आप सभी का दिन मंगलमय हो।
6:54 AM
[7:45 AM, 2/22/2017] +91 94739 81992: ताश का जोकर
और
अपनों की ठोकर,
अक्सर बाजी घुमा देती है।
अपनी सहनशीलता को बढाइए।
छोटी मोटी घटना से हताश मत होईये।
जो चंदन घिस जाता है,वह भगवान के मस्तक पर लगाया जाता है;
और
जो नही घिसता वह तो सिर्फ मुर्दे जलाने के काम ही आता है!

सुप्रभात

7:45 AM
+91 97644 74786🅕🅘🅡🅞🅩 ꀘꃅꍏꈤ
[10:32 AM, 2/22/2017] +91 97644 74786: अकेले में सदा मिलने का वो फ़रमान देते हैं,
चुराई जब नज़र उनसे मुहब्बत मान लेते हैं,
किनारा कर गया जालिम हमारी ज़िंदगी से अब,
करें क्या ज़िंदगी भर हम जुदा ही मान लेते हैं,
बिछड़ कर हम मुहब्बत से बता जालिम जिएं कैसे,
कफस है ज़िस्म ये अब तो, ख़ुदा हम मान लेते हैं,
छुपाता है ज़माने से दिले नादां मुहब्बत को,
ख़बर फैली हवाओं से , सभी पहचान लेते हैं,
नशीली आंख का जादू हमें मदहोश कर जाए,
फ़कत इक पल का मंज़र था उमर भर मान लेते हैं,
पढ़ा करती हैं नज़रों की इबारत सब मेरी आंखें,
झुकी पलकों की चाहत को मुहब्बत मान लेते हैं,
"मनोरम"मुस्कुराहट से भरम पाले मुहब्बत का,
कशिश से भर तड़पता दिल वो क्यों कर जान लेंते हैं,
मनोरमा श्रीवास्तव
10:32 AM
+91 81021 65313स्वरा
[10:40 AM, 2/22/2017] +91 81021 65313: क्या है रिश्ता
उससे मेरा मुझे मालूम नही
दिल कहता है,,,
वो मेरीमोहब्बत है
दिमाग कहता है,,,
वो किसी और की अमानत है
साँसे कहती है,,,
वो तेरी जिंदगी है
पर छलकते आंसू कहते है,,,
तेरा सबकुछ उसका है
पर वो तेरा नही,,,।।
10:40 AM
+91 80905 42211प्रियांश
[10:41 AM, 2/22/2017] +91 80905 42211: तू पसन्द आ गयी ये मेरी नजर का कसूर था।
फ़क़त तेरी आँखों में भी इश्क का सुरूर था।
एक दिन जब खायी ठोकर तुझसे हमने
उतर गया जो चढ़ा मोहब्बत का फितूर था।
~~प्रियांश
10:41 AM
+91 81021 65313स्वरा
[11:22 AM, 2/22/2017] +91 81021 65313: मेरे दर्दे जख़्म की दवा न करो
मेरे जीने की अब, तुम दुआ न करो ।।
दब गए है सनम तेरे एहसान से
अब खुदा के लिए,तुम वफ़ा न करो ।।
स्याह सी जिंदगी,उसपे तेरे सितम
बात साथ की अब, बेवज़ह न करो ।।
दान जीवन का तुमने है मुझको दिया
ऐ हंसी मौत अब यूं, तुम जफ़ा न करो ।।
जल रही है जमीं, मेरे दिल की "स्वरा"
और अब इस अगन पे तुम हवा न करो ।।
11:22 AM
+91 97644 74786🅕🅘🅡🅞🅩 ꀘꃅꍏꈤ
[11:33 AM, 2/22/2017] +91 97644 74786: " हौंसला आग में भी फूल खिला देता है"
जज्ब ए उल्फत बिछुड़ों को मिला देता है।
मक़सदे पाक मंजिल को करीबतर ला देता है।
किरदार ग़र ऊँचा औ ज़हीन हो आदमी का,
शोहरत को बुलन्दी ए हिमाला पर पहुंचा देता है।
कुदरत के कानून की बारीकियों से समझ लेना,
हर शैय में इंसाँ को एहसासे नूरे खुदा करा देता है।
हर जर्रा, जानवर अहम है रवानीए काइनात के लिए,
ये राज़े हक़ीक़ते ख़लक सबको सबका बना देता है।
अख़लाको ईमान जानो शान है इंसानियत की,
इनका न रहना हयाते ख़लकत पे क़हर ढा देता है।
जन्नतो दोजख़ इसी जमीन पर मौजूद हैं दोनों,
सिलसिलाए जज्बे कदीम आसमाँ पर बैठा देता है।
मयखानों में जुटती भीड़ सुबूत है इस बात का ,
के हाले दीवानगी हर रूहे बशर को पनपा देता है।
आगोशे ज़ोज़ाए खुद सी उल्फतो लुत्फ और कहाँ,
नज़रो का धोखा आदमी को कोठे में धकिया देता है।
तहलान ने कुछ कुछ समझा मन का तरीकाए वारदात,
ये ख़ाम ख़याली में उलझा कर रूह को भटका देता है।
ज़र जोरू जमीन अक्सर बाइस बनते हैं फसादों के ,
मजहब का लगा पलोह इन्हें और भड़का देता है।
खुदीए खुद जज्बा ए खुद्दारी की पासबाँ ग़र बने,
खिदमते खलक से बशर खुदा को रिझा देता है।
ना मालूम
11:33 AM
[11:36 AM, 2/22/2017] +91 97644 74786: ऐ ग़म ! ज़रा ठहर जा, दो पल को साँस ले लूँ।
थक सा गया हूँ चलते - चलते मैं साथ तेरे।।
अकेला इलाहाबादी
11:36 AM
+91 80053 51425AKHILESH
[12:45 PM, 2/22/2017] +91 80053 51425: इस वीडियो में जो लेडीज है यह शायद हो सकता है की भारत मे कोई अनाथ आश्रम चला रही हो और इसकी आड़ मे यह खूब धन भी बटोर रही हो.......इसने बच्चो के साथ जो किया है
इस विडियो को पुरे भारत मे फेलाओ शायद इसे कोई पहचान ले और इसको सजा मिल सके....
उन बेचारे छोटे बच्चो की दुआ लगेगी
pls pls pls forward to all this video clip....
प्लीज शेयर करो बच्चों की दुआ मिलेगी और बच्चे इस चुड़ैल से बच् जायेंगे
12:45 PM
+91 98896 97675shivam sharma gumnam
Yuva kavi shivam sharma 'gumnam'
कहाँ तुम साथ हो मेरे सफर अच्छा नहीं लगता...- युवाकवि शिवम् शर्मा 'गुमनाम'
www.youtube.com
12:45 PM
+91 87178 76565dineshmalvi 1012
[2:32 PM, 2/22/2017] +91 87178 76565: गर्दिश की रात में इतना हार गया
लिबास पहने रहा बदन उतार गया
मस्तमौला ना जी सका अपनी उम्र
घर के लोगों का गुनाह गार गया
दौलत कमाने में लगा दिया जीवन
अकेले ही इस दुनिया के पार गया
खाली हाथ आया खाली हाथ जाये
सबक देता सिकंदर सरदार गया
भोपाली जिंदगी का यही तमाशा
उसकी पेशी मैं हर अय्यार गया
कवि दिनेश भोपाली
2:32 PM
+91 95069 17180zmpl08
[3:26 PM, 2/22/2017] +91 95069 17180: वैलेन्टाइन डे पर एक आशिक के दर्द को अभिव्यक्त करती मेरी ये पंक्तियाँ :-
मोहब्बत की सदाओ का यही,
अंजाम देखा है ,
तडपते प्यार मे लड़को को हमने,
आम देखा है !
किसी ने भी वफाओ को न उनके,
आज तक जाना !
कि जब देखा है लड़कों को ही पिटते,
आम देखा है !
निभाने प्यार जिसने खुद के,
घर तक भी जलाये हैं ,
उन्हे ही दिल की गलियों मे ही,
लुटते आम देखा है !
न पहुँचा आज भी वो शख्स,
अपने प्रेम की मंजिल,
कि जिसको हमने पिटते राह 'यश',
हर शाम देखा है !
कवि शिव इलाहाबादी 'यश'
कवि एवं लेखक
मो.-7398328084
All Rights Reserved@kavishivallahabadi
3:26 PM
+91 81021 65313स्वरा
[4:16 PM, 2/22/2017] +91 81021 65313: तुझे चाहने का जुर्म ही तो किया था हमने
तुमने तो पल पल मरने की सज़ा ही दे दी
4:16 PM
[4:17 PM, 2/22/2017] +91 81021 65313: गुनाह पे गुनाह किये जा रहे हो
जिंदगी मेरी तबाह किये जा रहे हो
4:17 PM
+91 94739 81992RAJAT SHUKLA
+91 97644 74786🅕🅘🅡🅞🅩 ꀘꃅꍏꈤ
अकेले में सदा मिलने का वो फ़रमान देते हैं,
चुराई जब नज़र उनसे मुहब्बत मान लेते हैं,
किनारा कर गया जालिम हमारी ज़िंदगी से अब,
करें क्या ज़िंदगी भर हम जुदा ही मान लेते हैं,
बिछड़ कर हम मुहब्बत से बता जालिम जिएं कैसे,
कफस है ज़िस्म ये अब तो, ख़ुदा हम मान लेते हैं,
छुपाता है ज़माने से दिले नादां मुहब्बत को,
ख़बर फैली हवाओं से , सभी पहचान लेते हैं,
नशीली आंख का जादू हमें मदहोश कर जाए,
फ़कत इक पल का मंज़र था उमर भर मान लेते हैं,
पढ़ा करती हैं नज़रों की इबारत सब मेरी आंखें,
झुकी पलकों की चाहत को मुहब्बत मान लेते हैं,
"मनोरम"मुस्कुराहट से भरम पाले मुहब्बत का,
कशिश से भर तड़पता दिल वो क्यों कर जान लेंते हैं,
मनोरमा श्रीवास्तव
[4:43 PM, 2/22/2017] +91 94739 81992: भव्य रचना
4:43 PM
+91 94739 81992RAJAT SHUKLA
+91 87178 76565dineshmalvi 1012
गर्दिश की रात में इतना हार गया
लिबास पहने रहा बदन उतार गया
मस्तमौला ना जी सका अपनी उम्र
घर के लोगों का गुनाह गार गया
दौलत कमाने में लगा दिया जीवन
अकेले ही इस दुनिया के पार गया
खाली हाथ आया खाली हाथ जाये
सबक देता सिकंदर सरदार गया
भोपाली जिंदगी का यही तमाशा
उसकी पेशी मैं हर अय्यार गया
कवि दिनेश भोपाली
[4:44 PM, 2/22/2017] +91 94739 81992: गजब भोपाली जी
4:44 PM
+91 94739 81992RAJAT SHUKLA
+91 95069 17180zmpl08
वैलेन्टाइन डे पर एक आशिक के दर्द को अभिव्यक्त करती मेरी ये पंक्तियाँ :-
मोहब्बत की सदाओ का यही,
अंजाम देखा है ,
तडपते प्यार मे लड़को को हमने,
आम देखा है !
किसी ने भी वफाओ को न उनके,
आज तक जाना !
कि जब देखा है लड़कों को ही पिटते,
आम देखा है !
निभाने प्यार जिसने खुद के,
घर तक भी जलाये हैं ,
उन्हे ही दिल की गलियों मे ही,
लुटते आम देखा है !
न पहुँचा आज भी वो शख्स,
अपने प्रेम की मंजिल,
कि जिसको हमने पिटते राह 'यश',
हर शाम देखा है !
कवि शिव इलाहाबादी 'यश'
कवि एवं लेखक
मो.-7398328084
All Rights Reserved@kavishivallahabadi
[4:45 PM, 2/22/2017] +91 94739 81992: यश जी भाव विभोर कर दिया आपने
4:45 PM
+91 88960 98567कवि दीपक अवस्थी
[4:45 PM, 2/22/2017] +91 88960 98567: 






4:45 PM
[4:45 PM, 2/22/2017] +91 88960 98567: सबके लिए
4:45 PM
+91 87178 76565dineshmalvi 1012
+91 94739 81992RAJAT SHUKLA
गजब भोपाली जी
[4:46 PM, 2/22/2017] +91 87178 76565: शुक्रिया आदरणीय
4:46 PM
+91 94739 81992RAJAT SHUKLA
+91 88960 98567कवि दीपक अवस्थी






[4:46 PM, 2/22/2017] +91 94739 81992: ईश्वर आप सभी का कल्याण करे सदैव खुश रहिये और निरन्तर उन्नति के मार्ग पे अग्रसर रहे।
राम किशोर शुक्ला
सीतापुर (यू पी)
4:46 PM
+91 88960 98567कवि दीपक अवस्थी
4:47 PM
+91 94739 81992RAJAT SHUKLA
+91 88960 98567कवि दीपक अवस्थी
0:10
[4:47 PM, 2/22/2017] +91 94739 81992: आवाज नहीं आरही है।
4:47 PM
+91 88960 98567कवि दीपक अवस्थी
[4:48 PM, 2/22/2017] +91 88960 98567: i am travelling
4:48 PM
+91 94739 81992RAJAT SHUKLA
[4:49 PM, 2/22/2017] +91 94739 81992: Ok
4:49 PM
+91 94526 32495sangam lal bhawan
[5:11 PM, 2/22/2017] +91 94526 32495: 


ग़ज़ल


दर्दे दिल है बहुत क्यों बतायें तुम्हें |
तेज धड़कन चले क्यों सुनायें तुम्हें ||
तुमसे माँगा है कुछ भी तो इंकार दी |
जल गई अब शमाँ क्यों बुलायें तुम्हें ||
तुमने पूछा नहीं किसलिये दर्द है |
तुमने ढाये सितम क्यों बतायें तुम्हें ||
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क्यूँ हुआ ख़ूनेदिल क्यों बतायें तुम्हें ||
कल चमन में मुलाकात हो ही गई |
दिल परेशाँ हुआ क्यों बतायें तुम्हें ||
उस ख़ुदा की कसम मुझसे मत पूछिये |
आख़िरी था मिलन क्यों बतायें तुम्हें ||
डॉ.संगमलाल त्रिपाठी "भँवर "
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