ख़ुशी है ना गम है मेरे दिल में
बस इक वहम है मेरे दिल में
जिसके दिए ज़ख्म अब भी हरे हैं
वो रहता बेरहम है मेरे दिल में
चांदनी हो जाती है जहाँ जाता हूँ
इक चाँद सा सनम है मेरे दिल में
कहीं रौशनी मिले तो कहना मुझे
तम ही तम है मेरे दिल में
अक्सर गुनगुनाता हूँ तन्हाई में
तेरी इक नज़म है मेरे दिल में
तुम गंगा सी पाक साफ़ सही
आब ए ज़म ज़म है मेरे दिल में
मोहब्बत अरमान और अहसास
कुछ ज्यादा कुछ कम है मेरे दिल में
इंसान हूँ मुझे इंसान रहने दो यारो
बस इंसानियत धरम है मेरे दिल में
शहबाज़
बस इक वहम है मेरे दिल में
जिसके दिए ज़ख्म अब भी हरे हैं
वो रहता बेरहम है मेरे दिल में
चांदनी हो जाती है जहाँ जाता हूँ
इक चाँद सा सनम है मेरे दिल में
कहीं रौशनी मिले तो कहना मुझे
तम ही तम है मेरे दिल में
अक्सर गुनगुनाता हूँ तन्हाई में
तेरी इक नज़म है मेरे दिल में
तुम गंगा सी पाक साफ़ सही
आब ए ज़म ज़म है मेरे दिल में
मोहब्बत अरमान और अहसास
कुछ ज्यादा कुछ कम है मेरे दिल में
इंसान हूँ मुझे इंसान रहने दो यारो
बस इंसानियत धरम है मेरे दिल में
शहबाज़
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