हर्षित तन मन पुलकित जीवन
प्रातःप्रभात को कर रहा वन्दन
संध्योपासना मे प्रवृत्त होकर
विप्र ललाट पर शोभित चन्दन
वेद वाणी को हृदय धारण कर
कर रहा उच्च ध्वनियां उच्चार
अत्यन्त निर्मल हे उसका विचार
सत्य धर्म का हो पग पग प्रसार
शंखो की ध्वनियां गुंज उठी
मंदीर पर कोयल कूक उठी
पुष्पो से सज्जित आरती थाल
अग्नि से बातीयां चमक उठी
नवजात शिशु भी जाग गया
सुन उठी मां उसका क्रन्दन
ममता से स्पर्श किया उसको
दीप्त हुआ उसका मुखमंडल
खग वृन्द कलरव करने लगे
नित्य की उड़ान भरने लगे
दाना पानी की तलाश मे
इधर उधर भटकने लगे
होने शिक्षित घर से निकले
बालक मन मे करके विचार
सभ्यता संस्कृति का पाठ पढ़े
और जाने इस जीवन का सार
मजदूर लेकर निकला औजार
हुआ आशाओं का तीव्र संचार
जीवन को जीने के खातिर
कष्ट सहने को भी है तैयार
इस तरह से सूर्य निर्देशित कर
निजकर्मो का दे रहे संदेश
अपने अपने कर्तव्य निभाकर
लो आओ मिटाये सकल क्लेश
संदीप शर्मा ✍🏻🙏🏼🙏🏼🙏🏼
सुप्रभातं सर्वेभ्यः नमः
प्रातःप्रभात को कर रहा वन्दन
संध्योपासना मे प्रवृत्त होकर
विप्र ललाट पर शोभित चन्दन
वेद वाणी को हृदय धारण कर
कर रहा उच्च ध्वनियां उच्चार
अत्यन्त निर्मल हे उसका विचार
सत्य धर्म का हो पग पग प्रसार
शंखो की ध्वनियां गुंज उठी
मंदीर पर कोयल कूक उठी
पुष्पो से सज्जित आरती थाल
अग्नि से बातीयां चमक उठी
नवजात शिशु भी जाग गया
सुन उठी मां उसका क्रन्दन
ममता से स्पर्श किया उसको
दीप्त हुआ उसका मुखमंडल
खग वृन्द कलरव करने लगे
नित्य की उड़ान भरने लगे
दाना पानी की तलाश मे
इधर उधर भटकने लगे
होने शिक्षित घर से निकले
बालक मन मे करके विचार
सभ्यता संस्कृति का पाठ पढ़े
और जाने इस जीवन का सार
मजदूर लेकर निकला औजार
हुआ आशाओं का तीव्र संचार
जीवन को जीने के खातिर
कष्ट सहने को भी है तैयार
इस तरह से सूर्य निर्देशित कर
निजकर्मो का दे रहे संदेश
अपने अपने कर्तव्य निभाकर
लो आओ मिटाये सकल क्लेश
संदीप शर्मा ✍🏻🙏🏼🙏🏼🙏🏼
सुप्रभातं सर्वेभ्यः नमः
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