छलक पड़ती है आंखें दम-ब-दम ऐसा भी होता हैं
मोहब्बत में मोहब्बत की कसम ऐसा भी होता है ।।
सिबा हो जो सितम से भी करम ऐसा भी होता है।
करम का लुत्फ हो जिसमें सितम ऐसा भी होता है ।।
बदल देता है फोरन शुक्रिए को जो शिकायत में ।
निगाहें कहर में रंगे करम ऐसा भी होता है ।।
मिसाले-राहरौं-अक्सर भटक जाता है रहबर भी।
मोहब्बत का सफर ऐ हमक़दम ऐसा भी होता है ।।
मदावा बन के रह जाता है जो दुनिया के हर गम का ।
मोहब्बत के गमो में एक गम ऐसा भी होता है ।।
कभी ऐसा भी होता है कि फुरकत भी हो जा परवर ।
कभी कुरवत में भी घुटता है दम ऐसा भी होता है।।
🌹🖍खुमारी जालंधरी🖍🌹
मोहब्बत में मोहब्बत की कसम ऐसा भी होता है ।।
सिबा हो जो सितम से भी करम ऐसा भी होता है।
करम का लुत्फ हो जिसमें सितम ऐसा भी होता है ।।
बदल देता है फोरन शुक्रिए को जो शिकायत में ।
निगाहें कहर में रंगे करम ऐसा भी होता है ।।
मिसाले-राहरौं-अक्सर भटक जाता है रहबर भी।
मोहब्बत का सफर ऐ हमक़दम ऐसा भी होता है ।।
मदावा बन के रह जाता है जो दुनिया के हर गम का ।
मोहब्बत के गमो में एक गम ऐसा भी होता है ।।
कभी ऐसा भी होता है कि फुरकत भी हो जा परवर ।
कभी कुरवत में भी घुटता है दम ऐसा भी होता है।।
🌹🖍खुमारी जालंधरी🖍🌹
0 comments:
Post a Comment