दोस्तों, कुछ दिनों से व्यस्तता के चलते आप से रूबरू नहीं हो सका।आज आपकी नजर मेरा लिखा एक मुक्तक-------
हर आदमी दिल के आसपास नहीं होता
हर किसी का यूँ रूह में वास नहीं होता
मिलने को तो मिलते हैं रोज लोग हज़ारों
पर हर मिलने वाला शख्स खास नहीं होता।
-----आपका अपना मित्र नरेश मलिक
Copyright @ naresh malik
हर आदमी दिल के आसपास नहीं होता
हर किसी का यूँ रूह में वास नहीं होता
मिलने को तो मिलते हैं रोज लोग हज़ारों
पर हर मिलने वाला शख्स खास नहीं होता।
-----आपका अपना मित्र नरेश मलिक
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