इम्तिहान <परीक्षा >🔭
दुसरो की इच्छा होती परीक्षा
जिंदगी का हर पल सबसे बड़ी परीक्षा
काजल की कोठरी है दाग से बचना है
सद चरित्र रहना है बुराई से बचना है
निष्कलंक आये धरती पर
खाली हाथ मुट्टी थी बंद
निर्वस्त्र असहाए थे हम
सबने गले लगा पुचकारा
कुछ प्यार दुलार भी बरसाया 💎
वस्त्र आभूषण से सज गए हम
क्या करने आये ये भूल गए हम
मोह माया में बंध गए हम
दोचार शब्द ज्ञान किया 🖌
अप शब्दों से बखान किया
अहंकार से सीना तान 🔎
सद्कर्म ही भुलाने लगे
कंकड़ पत्थर जोड़ने लगे
तन से वस्त्र घटने लगे
वासना कुकर्म भले लगे
लोगो की आत्मा कचोटने लगे
मोह माया का अनोखा संसार 💐
सजा देखो मय का दरबार
आत्म प्रेषण सिर्फ अंहकार
हुए रसना लतो से बेजार
जाप किया सब मेरा है🌿
ये न जाना सब माया है
जब आया खाली हाथ
खाली हाथ ही जाना है
नश्वर तन से मोह किया 🌿
खूब चहक कर भोग किया
जर्जर तन ने किनारा किया
आत्मा को अपने से विलग किया
आनंद विभोर की बेला थी 🥀
जग बिछोह की रेला थी
परमात्मा से मिलन होनी थी🔥
पर दुर्गुण दुर्गन्ध छायी थी
परमात्मा ने दिया दुत्कार 🔥
प्यार था नश्वर से अपार
सद कर्म सद्गुण शून्य मिले
फिर से परीक्षा फेल हुए
स्वरचित 🔥
नवीन कुमार तिवारी अथर्व
/////
दुसरो की इच्छा होती परीक्षा
जिंदगी का हर पल सबसे बड़ी परीक्षा
काजल की कोठरी है दाग से बचना है
सद चरित्र रहना है बुराई से बचना है
निष्कलंक आये धरती पर
खाली हाथ मुट्टी थी बंद
निर्वस्त्र असहाए थे हम
सबने गले लगा पुचकारा
कुछ प्यार दुलार भी बरसाया 💎
वस्त्र आभूषण से सज गए हम
क्या करने आये ये भूल गए हम
मोह माया में बंध गए हम
दोचार शब्द ज्ञान किया 🖌
अप शब्दों से बखान किया
अहंकार से सीना तान 🔎
सद्कर्म ही भुलाने लगे
कंकड़ पत्थर जोड़ने लगे
तन से वस्त्र घटने लगे
वासना कुकर्म भले लगे
लोगो की आत्मा कचोटने लगे
मोह माया का अनोखा संसार 💐
सजा देखो मय का दरबार
आत्म प्रेषण सिर्फ अंहकार
हुए रसना लतो से बेजार
जाप किया सब मेरा है🌿
ये न जाना सब माया है
जब आया खाली हाथ
खाली हाथ ही जाना है
नश्वर तन से मोह किया 🌿
खूब चहक कर भोग किया
जर्जर तन ने किनारा किया
आत्मा को अपने से विलग किया
आनंद विभोर की बेला थी 🥀
जग बिछोह की रेला थी
परमात्मा से मिलन होनी थी🔥
पर दुर्गुण दुर्गन्ध छायी थी
परमात्मा ने दिया दुत्कार 🔥
प्यार था नश्वर से अपार
सद कर्म सद्गुण शून्य मिले
फिर से परीक्षा फेल हुए
स्वरचित 🔥
नवीन कुमार तिवारी अथर्व
/////
धन्यवाद
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