***मधुर रसधार****
शिव जीवन का सार हैं शिव ही हैं आधार।
शिव चिन्तन से ही चलें भव वारिधि के पार।
आत्मा के आनन्द की एक ही सच्ची राह।
नरसेवा कर रात-दिन मत कर तू परवाह।
जिसने ये जीवन दिया वह कल्याण स्वरूप।
उसकी चिंता होयगी तू क्यों बने कुरूप।
आंगन में भगवान के खेल रहे सब लाल।
जो तू देखे दुखी मन मदद करो तत्काल।
--=----------——----------___--------
हार्दिक शुभकामनायें जी जय श्री कृष्ण
शिव जीवन का सार हैं शिव ही हैं आधार।
शिव चिन्तन से ही चलें भव वारिधि के पार।
आत्मा के आनन्द की एक ही सच्ची राह।
नरसेवा कर रात-दिन मत कर तू परवाह।
जिसने ये जीवन दिया वह कल्याण स्वरूप।
उसकी चिंता होयगी तू क्यों बने कुरूप।
आंगन में भगवान के खेल रहे सब लाल।
जो तू देखे दुखी मन मदद करो तत्काल।
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हार्दिक शुभकामनायें जी जय श्री कृष्ण
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