अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर मेरी प्रस्तुति
हिन्दी हमारा मान है।
हिन्दी हमारी जान है।
हिंदी में हमारे प्राण है।
हिन्दी माँ समान है।।
हिन्दी अमर है
हिन्दी अजर है
हिन्दी अगर है
अपने दम पर हैं
यह जैसे बाज है
हमारा ताज है
हमारी लाज है
हमें नाज है
कल भी रहेगी
जैसी आज है
इसे
किसी का सहारा नहीं चाहिए
किसी से चारा नहीं चाहिये
पेट से नहीं दिल से जुड़ी है
इसीलिये अभी तक उड़ी है
और उड़ती रहेगी
आगे बढती रहेगी
अपने दम पर
अपने परों पर
चढ़ेगी सरों पर
सभी दरों पर
सभी घरो पर
दिल से जुड़ने वाले
दूर तक जाते हैं
दूसरी भाषाओं की तरह
आश्रय नहीं चाहिए
यह
ना मारेगी
न मरेगी
न डरेगी
न हारेगी
यह चलेगी
यह फलेगी
न हमें
हारने देगी
यह मात्र-भाषा नहीं
मातृभाषा है
सभी आशा है
जय हिन्दी
अजय हिन्दी
💐रचनाकार : मुकेश शर्मा💐
(M) 9871987057
हिन्दी हमारा मान है।
हिन्दी हमारी जान है।
हिंदी में हमारे प्राण है।
हिन्दी माँ समान है।।
हिन्दी अमर है
हिन्दी अजर है
हिन्दी अगर है
अपने दम पर हैं
यह जैसे बाज है
हमारा ताज है
हमारी लाज है
हमें नाज है
कल भी रहेगी
जैसी आज है
इसे
किसी का सहारा नहीं चाहिए
किसी से चारा नहीं चाहिये
पेट से नहीं दिल से जुड़ी है
इसीलिये अभी तक उड़ी है
और उड़ती रहेगी
आगे बढती रहेगी
अपने दम पर
अपने परों पर
चढ़ेगी सरों पर
सभी दरों पर
सभी घरो पर
दिल से जुड़ने वाले
दूर तक जाते हैं
दूसरी भाषाओं की तरह
आश्रय नहीं चाहिए
यह
ना मारेगी
न मरेगी
न डरेगी
न हारेगी
यह चलेगी
यह फलेगी
न हमें
हारने देगी
यह मात्र-भाषा नहीं
मातृभाषा है
सभी आशा है
जय हिन्दी
अजय हिन्दी
💐रचनाकार : मुकेश शर्मा💐
(M) 9871987057
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