......."तुम भी अब".........
........"शायर मेहताब".......
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तुम्हारी गली में तुम भी अब वो नही रहे,,
अपने शहर में हम भी अब वो नही रहे...
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पता चला तुम किसी और को चाहने लगे,,
तेरे दिए जो ग़म भी अब वो नही रहे...
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अब शाम नही होती तेरी गली नही जाता,,
राह क्या रुकी कदम भी अब वो नही रहे...
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रोना अच्छा नही वो भी एक ही बात पे बारहा,,
मेरे दर्द पर क़ायम भी अब वो नही रहे...
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मेहताब आशना ही नही रखा यार कहाँ रहते,,
मेरी जिंदगी से दम भी अब वो नही रहे...
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#शायर_मेहताब
........"शायर मेहताब".......
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तुम्हारी गली में तुम भी अब वो नही रहे,,
अपने शहर में हम भी अब वो नही रहे...
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पता चला तुम किसी और को चाहने लगे,,
तेरे दिए जो ग़म भी अब वो नही रहे...
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अब शाम नही होती तेरी गली नही जाता,,
राह क्या रुकी कदम भी अब वो नही रहे...
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रोना अच्छा नही वो भी एक ही बात पे बारहा,,
मेरे दर्द पर क़ायम भी अब वो नही रहे...
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मेहताब आशना ही नही रखा यार कहाँ रहते,,
मेरी जिंदगी से दम भी अब वो नही रहे...
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#शायर_मेहताब
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