*मुक्तक ***
तेरे होने का सांसों में मेरी एहसास रहता है
तू मेरे साथ में है ये मुझे विश्वास रहता है
तेरी यादों को दिल से अब मिटाना गैर-मुमकिन है
तेरा साया मेरे दिल के हमेशा हास रहता है !!
विवेक हरि मिश्र:
तेरे होने का सांसों में मेरी एहसास रहता है
तू मेरे साथ में है ये मुझे विश्वास रहता है
तेरी यादों को दिल से अब मिटाना गैर-मुमकिन है
तेरा साया मेरे दिल के हमेशा हास रहता है !!
विवेक हरि मिश्र:
Dhanybad sir
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