कभी दिवाली कभी होली तो कभी रमजान हो तुम
मेरे ऊपर आने वाले रंजो के लिए दरबान हो तुम
क्या नहीं हो हाँ ! अब तो तुम ही हो सब कुछ मेरे
आज वो कह रही थी मेरे हाठों की मुस्कान हो तुम
Ravibabu
मेरे ऊपर आने वाले रंजो के लिए दरबान हो तुम
क्या नहीं हो हाँ ! अब तो तुम ही हो सब कुछ मेरे
आज वो कह रही थी मेरे हाठों की मुस्कान हो तुम
Ravibabu
0 comments:
Post a Comment