इस मुश्किल का हल निकाला जाए
अब नौजवाँ खून को उबाला जाए
हो सवाल जेसा वैसा ही जवाब हो
ना अब इतना गुस्से को पाला जाए
वतन न तेरा न मेरा सबका है ये
यही इक ख्याल ज़हन में डाला जाए
ना हो बू इसमें किसी के खून की
मेरे मुंह में जो भी निवाला जाए
हर धरम हर मज़हब का हो मान यहाँ
ना जले मस्जिद ना तोडा शिवाला जाए
शहबाज़
अब नौजवाँ खून को उबाला जाए
हो सवाल जेसा वैसा ही जवाब हो
ना अब इतना गुस्से को पाला जाए
वतन न तेरा न मेरा सबका है ये
यही इक ख्याल ज़हन में डाला जाए
ना हो बू इसमें किसी के खून की
मेरे मुंह में जो भी निवाला जाए
हर धरम हर मज़हब का हो मान यहाँ
ना जले मस्जिद ना तोडा शिवाला जाए
शहबाज़
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