तू पसन्द आ गयी ये मेरी नजर का कसूर था।
फ़क़त तेरी आँखों में भी इश्क का सुरूर था।
एक दिन जब खायी ठोकर तुझसे हमने
उतर गया जो चढ़ा मोहब्बत का फितूर था।
~~प्रियांश
फ़क़त तेरी आँखों में भी इश्क का सुरूर था।
एक दिन जब खायी ठोकर तुझसे हमने
उतर गया जो चढ़ा मोहब्बत का फितूर था।
~~प्रियांश
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