अपने दुखों का हिंसाब लिखो तो
अपने अरमान व ख्वाब लिखो तो
एह़सास भी जिंदा होगा इंसानों में
तुम सांसें लेती किताब लिखो तो
आशीष तिवारी निर्मल
अपने अरमान व ख्वाब लिखो तो
एह़सास भी जिंदा होगा इंसानों में
तुम सांसें लेती किताब लिखो तो
आशीष तिवारी निर्मल
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