आँचल उड़ा दिये बसंती वयार ने ,
भेद सारे खोल दिये बसंती वयार ने
दिल की धड़कने फिर होने लगीं तेज,
अमृत रस घोल दिये बसंती वयार ने !!
****महेन्द्र श्रीवास्तव
भेद सारे खोल दिये बसंती वयार ने
दिल की धड़कने फिर होने लगीं तेज,
अमृत रस घोल दिये बसंती वयार ने !!
****महेन्द्र श्रीवास्तव
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