खामोशी
तन्हा-तन्हा जब भी बैठूँ,
गाने लगती खामोशी।
चाहे दुनिया साथ छोड़ दे,
साथ न छोड़े खामोशी।
अंतर्मन में जब कोलाहल
शांति दिलाती खामोशी।
कथन कभी कटुता भी पाता
प्रेम ही पाते खामोशी।
जीवन के आपाधापी में
कोलाहल का जब बदमाशी।
खामोशी खम ठोक खनकती
खनखन करती खामोशी।।
भाषण,प्रवचन सब ध्वनि प्रदूषण
मौन ही होता पर्यावरण हितैषी।
खामोशी ध्यान देवत्व दिलाए
"ललित" मन भाये खामोशी।।
ललित कुमार झा,2/2/17
तन्हा-तन्हा जब भी बैठूँ,
गाने लगती खामोशी।
चाहे दुनिया साथ छोड़ दे,
साथ न छोड़े खामोशी।
अंतर्मन में जब कोलाहल
शांति दिलाती खामोशी।
कथन कभी कटुता भी पाता
प्रेम ही पाते खामोशी।
जीवन के आपाधापी में
कोलाहल का जब बदमाशी।
खामोशी खम ठोक खनकती
खनखन करती खामोशी।।
भाषण,प्रवचन सब ध्वनि प्रदूषण
मौन ही होता पर्यावरण हितैषी।
खामोशी ध्यान देवत्व दिलाए
"ललित" मन भाये खामोशी।।
ललित कुमार झा,2/2/17
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