कलमकारों को समर्पित🌹
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कलमकारों की लाल कलम से
आग निकलनी चाहिए,
मंद पड़ा जब देश का दीपक
तो ज्वाला जलनी चाहिए।
शांत हों जब सागर की लहरें तो तूफ़ान मचलना चाहिए,
कलमकारों की लाल कलम से आग निकलनी चाहिए।
जब मंद हुई देशभक्ति की
धारा
तो संवेग बढ़ जाना चाहिए,
और जब सुस्त पड़ा युवकों का तेज़,
तो स्वाभिमान जगाना चाहिए।
कलमकारों की लाल कलम से आग निकलनी चाहिए।
जब दुशमन सीमा पर आँख दिखाए
तो प्रबल भुजदंड मचलना चाहिए,
जब प्रधानसेवक ने है आवाज़ लगाई,
तो हमें एकजुट हो जाना चाहिए,
और सेनानायक जब हुंकार भरे,
तो एकदम कुच कर जाना चाहिए।
कलमकारों की लाल कलम से आग निकलनी चाहिए।
दुश्मन सुन ले कान खोलकर,
बात एक समझाता हूँ,
आ जाओ हमसे गले मिला लो,
इसी में भला तुम्हारा जानता हूँ।
अरे! ये पहले वाला इंडिया नहीं,
ये मोदी वाला भारत है।
फिर भी समझ में आये नही, तो समझो सबकुछ गारथ ही गारथ है।
कलमकारों की लाल कलम से आग निकलनी चाहिए,
मंद पड़ा जब देश का दीपक तो ज्वाला जलनी चाहिए।
जय हिन्द !🇮🇳
राम निवास कुमार✍
दुर्गापुरी, मालीघाट
मुजफ्फरपुर।
94 700 27048
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कलमकारों की लाल कलम से
आग निकलनी चाहिए,
मंद पड़ा जब देश का दीपक
तो ज्वाला जलनी चाहिए।
शांत हों जब सागर की लहरें तो तूफ़ान मचलना चाहिए,
कलमकारों की लाल कलम से आग निकलनी चाहिए।
जब मंद हुई देशभक्ति की
धारा
तो संवेग बढ़ जाना चाहिए,
और जब सुस्त पड़ा युवकों का तेज़,
तो स्वाभिमान जगाना चाहिए।
कलमकारों की लाल कलम से आग निकलनी चाहिए।
जब दुशमन सीमा पर आँख दिखाए
तो प्रबल भुजदंड मचलना चाहिए,
जब प्रधानसेवक ने है आवाज़ लगाई,
तो हमें एकजुट हो जाना चाहिए,
और सेनानायक जब हुंकार भरे,
तो एकदम कुच कर जाना चाहिए।
कलमकारों की लाल कलम से आग निकलनी चाहिए।
दुश्मन सुन ले कान खोलकर,
बात एक समझाता हूँ,
आ जाओ हमसे गले मिला लो,
इसी में भला तुम्हारा जानता हूँ।
अरे! ये पहले वाला इंडिया नहीं,
ये मोदी वाला भारत है।
फिर भी समझ में आये नही, तो समझो सबकुछ गारथ ही गारथ है।
कलमकारों की लाल कलम से आग निकलनी चाहिए,
मंद पड़ा जब देश का दीपक तो ज्वाला जलनी चाहिए।
जय हिन्द !🇮🇳
राम निवास कुमार✍
दुर्गापुरी, मालीघाट
मुजफ्फरपुर।
94 700 27048
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