जिन्दंगी को समझना बहुत मुशकिल
हैं.
कोई सपनों की खातिर "अपनों" से दूर
रहता हैं.....
और , कोई "अपनों" के खातिर सपनों
से दूर....✍
🌹आदाब जी🌹
हैं.
कोई सपनों की खातिर "अपनों" से दूर
रहता हैं.....
और , कोई "अपनों" के खातिर सपनों
से दूर....✍
🌹आदाब जी🌹
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