निशानी और ही दे दी निशानी और ही कुछ थी।
तेरे मदहोश होठों की ज़बानी और ही कुछ थी।
जमाने की निगाहों ने तेरी खामोश आँखों ने,
कहानी और ही कह दी कहानी और ही कुछ थी।
#शुभमशुक्ल
तेरे मदहोश होठों की ज़बानी और ही कुछ थी।
जमाने की निगाहों ने तेरी खामोश आँखों ने,
कहानी और ही कह दी कहानी और ही कुछ थी।
#शुभमशुक्ल
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