अगर कुछ करना भी चाहूँ तो मैं कुछ कर नहीं सकता।
जगह सूनी है जो तेरी मैं उसको भर नहीं सकता।
न जाने कैसी है आखिर ये हम दोनों की मजबूरी,
वहाँ तुम जी नहीं सकती यहाँ मैं मर नहीं सकता।
-दुर्गेश
जगह सूनी है जो तेरी मैं उसको भर नहीं सकता।
न जाने कैसी है आखिर ये हम दोनों की मजबूरी,
वहाँ तुम जी नहीं सकती यहाँ मैं मर नहीं सकता।
-दुर्गेश
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