विषय :-- *◆सिंहनाद छंद◆
विधान:~ [ सगण जगण सगण गुरु ]
(112 :: 121 :: 11::22 )
10 वर्ण ,4 चरण । दो-दो चरण समतुकांत ]
बन पुष्प यूँ महक लीजे।
चिड़ियाँ बनें चहक लीजे।।
अब आप पाप मत कीजे।
बस मोह राम रत कीजे।।
अब ध्यान काल पर दीजे।
सब काम आज कर लीजे।।
कल सोच आँख फिर भीजे।
समयानुकूल बल छीजे।।
सब कर्म साथ चल देंगे।
फिर कौन साथ कल देंगे।।
सब द्वेष भाव तज दीजे।
बस राम श्याम भज लीजे।।
🇮🇳 मुकेश शर्मा 🇮🇳
विधान:~ [ सगण जगण सगण गुरु ]
(112 :: 121 :: 11::22 )
10 वर्ण ,4 चरण । दो-दो चरण समतुकांत ]
बन पुष्प यूँ महक लीजे।
चिड़ियाँ बनें चहक लीजे।।
अब आप पाप मत कीजे।
बस मोह राम रत कीजे।।
अब ध्यान काल पर दीजे।
सब काम आज कर लीजे।।
कल सोच आँख फिर भीजे।
समयानुकूल बल छीजे।।
सब कर्म साथ चल देंगे।
फिर कौन साथ कल देंगे।।
सब द्वेष भाव तज दीजे।
बस राम श्याम भज लीजे।।
🇮🇳 मुकेश शर्मा 🇮🇳
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