हमारी बफाओं पर क्यों गीत गाते हो ,
हमें ही देखकर क्यूँ मुसकराते हो ,
वफा हमने की तुमने भी कुछ किया होगा ,
अरे हम जो कर बैठे जमाने को सुनाते हो ,
हर धडकन तुम्हारी है ये साँसें भी तुम्हारी हैं ,
फिर बन्द लिफाफे को हम से ही पढाते हो ,
कैलाश , दुबे
हमें ही देखकर क्यूँ मुसकराते हो ,
वफा हमने की तुमने भी कुछ किया होगा ,
अरे हम जो कर बैठे जमाने को सुनाते हो ,
हर धडकन तुम्हारी है ये साँसें भी तुम्हारी हैं ,
फिर बन्द लिफाफे को हम से ही पढाते हो ,
कैलाश , दुबे
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