ग़ज़ल
(वोट शत-प्रतिशत करेगें....)
(वोट शत-प्रतिशत करेगें....)
आपने जो भी किया है वह हमें सब ज्ञान है,
चुप रहा पर मत समझ हर आदमी अनजान है.
चुप रहा पर मत समझ हर आदमी अनजान है.
मौज नेतागण करें तकलीफ जनता ही सहे,
दौर है ऐसा चुनावी आदमी हैरान है.
दौर है ऐसा चुनावी आदमी हैरान है.
रेप किडनैपिंग कपट छल लूट दंगा गुंडई,
यह हमारे दौर की सबसे बड़ी पहचान है.
यह हमारे दौर की सबसे बड़ी पहचान है.
यार आरक्षण समर्थक दे रहा है फिर दगा,
चाहिए कुर्सी दुबारा देश तो कुर्बान है.
चाहिए कुर्सी दुबारा देश तो कुर्बान है.
रंग केसरिया पलटकर कर रहे हैं जो हरा,
जानती जनता सभी कुछ मत समझ नादान है.
जानती जनता सभी कुछ मत समझ नादान है.
आपसे सुनते रहे हैं हम तरक्की की ग़ज़ल,
बद से बदतर हाल को समझे न वो नादान है.
बद से बदतर हाल को समझे न वो नादान है.
उड़ सकेगें हम गगन में एकता के पंख ले,
आपको देखा तो समझा यह बहुत आसान है.
आपको देखा तो समझा यह बहुत आसान है.
साफ़ सुथरा ही विधायक हम चुनेगें जान लें,
वोट शत-प्रतिशत करेगें दिल में ये अरमान है.
वोट शत-प्रतिशत करेगें दिल में ये अरमान है.
बाँटते जो मुफ्त में हैं हक़ किसी का छीनकर,
वोट देगा चोट 'अम्बर' लें यही प्रतिदान है.
वोट देगा चोट 'अम्बर' लें यही प्रतिदान है.
--इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव 'अम्बर'
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