न राणा वाला जोश बचा ,न वीर शिवा सा होश दिखे
हर बातो पे चुप्पी साधे ,क्यों इतना बेहोश दिखे
जिसने भी जो बोला हमने शीश झुका के मान लिया
अपने ही देवो का हमने जी भर कर अपमान किया
गैरो की बाते मानी पर , अपनों पे न कान दिया
बाँट रहे वो हमको ही इस ,ओर कभी न ध्यान दिया
आन बान पर मिटने वाला कही न मुझको रोष दिखे
हर बातों पे चुप्पी साधे , क्यों इतना बेहोश दिखे
मनोज"मोजू"
हर बातो पे चुप्पी साधे ,क्यों इतना बेहोश दिखे
जिसने भी जो बोला हमने शीश झुका के मान लिया
अपने ही देवो का हमने जी भर कर अपमान किया
गैरो की बाते मानी पर , अपनों पे न कान दिया
बाँट रहे वो हमको ही इस ,ओर कभी न ध्यान दिया
आन बान पर मिटने वाला कही न मुझको रोष दिखे
हर बातों पे चुप्पी साधे , क्यों इतना बेहोश दिखे
मनोज"मोजू"
0 comments:
Post a Comment