जय वीर हनुमान ,
भक्तों की रक्षा करो
बनाओ , बिगड़े काम !
श्री राम के भक्त हो तुम
शक्ति का स्वरुप हो ,
दुर्जनों के काल हो स्वामी
श्रद्धा के अनुरूप हो !
माँ सीता का पता लगाने
समुन्दर के तुम पार गये ,
तुम्हारे बल के आगे रावण के
सारे राक्षस हार गये !
अशोक वाटिका को तहस नहस कर
लंका में कहर मचाया था ,
तुम्हारे साहस को देखकर
लंकापति भी थर्राया था !
प्रभु तुम्हारी भक्ति देखकर
देवता भी शीश नवाते हैं ,
तुम्हारे पावन दर्शन करके
दुर्बल भी वीर हो जाते हैं !
हे ! वीर हनुमान जी
हे ! दीनों के नाथ ,
तुम्हारे द्वार पर शीश झुकाऊँ ,
और , करूँ प्रणाम ... 🙏
भक्तों की रक्षा करो
बनाओ , बिगड़े काम !
श्री राम के भक्त हो तुम
शक्ति का स्वरुप हो ,
दुर्जनों के काल हो स्वामी
श्रद्धा के अनुरूप हो !
माँ सीता का पता लगाने
समुन्दर के तुम पार गये ,
तुम्हारे बल के आगे रावण के
सारे राक्षस हार गये !
अशोक वाटिका को तहस नहस कर
लंका में कहर मचाया था ,
तुम्हारे साहस को देखकर
लंकापति भी थर्राया था !
प्रभु तुम्हारी भक्ति देखकर
देवता भी शीश नवाते हैं ,
तुम्हारे पावन दर्शन करके
दुर्बल भी वीर हो जाते हैं !
हे ! वीर हनुमान जी
हे ! दीनों के नाथ ,
तुम्हारे द्वार पर शीश झुकाऊँ ,
और , करूँ प्रणाम ... 🙏
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