जरा सा भी नहीं लगता समय आँसू बहाने में
नही होगी कमी इस दर्द की गाथा सुनाने में
भगत सिंह ने ख़ुशी से चूमकर फाँसी के फंदे को
लुटाये प्राण तन सम्पूर्ण आजादी दिलाने में
विवेक चौहान एक कवि
नही होगी कमी इस दर्द की गाथा सुनाने में
भगत सिंह ने ख़ुशी से चूमकर फाँसी के फंदे को
लुटाये प्राण तन सम्पूर्ण आजादी दिलाने में
विवेक चौहान एक कवि
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