चारि पंक्ति लिखेन है ,,,
f
कवियन के अब तौ लगा है अहिमक मेला,
पता नहीं को केखर गुरू,को केखर चेला,
बैईठे तमाशा देखि रहें हं अब निर्मल संच्च,
शारद कै प्रतिमां मं उल्लू मारि रहें हं धेला !!!!
आशीष तिवारी निर्मल
मुंबई ८६०२९२९६१६
f
कवियन के अब तौ लगा है अहिमक मेला,
पता नहीं को केखर गुरू,को केखर चेला,
बैईठे तमाशा देखि रहें हं अब निर्मल संच्च,
शारद कै प्रतिमां मं उल्लू मारि रहें हं धेला !!!!
आशीष तिवारी निर्मल
मुंबई ८६०२९२९६१६
0 comments:
Post a Comment