पराग कलियों का देख ,
भौरें मंडरानें लगें !
अध खिली खुशबूँ से ,
पराग लेने लगें !
शबाब पर आने दो भौरों
से कह देना 'मनु' !
शरारत अच्छी नहीं वो ,
फिर से आने लगें !
✍💞✍💞✍💞✍
महेंन्द्र जैन मनु
इन्दौर. (म०प्र०)
९८२७६१०५००
भौरें मंडरानें लगें !
अध खिली खुशबूँ से ,
पराग लेने लगें !
शबाब पर आने दो भौरों
से कह देना 'मनु' !
शरारत अच्छी नहीं वो ,
फिर से आने लगें !
✍💞✍💞✍💞✍
महेंन्द्र जैन मनु
इन्दौर. (म०प्र०)
९८२७६१०५००
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