दिल से जब याद करो सामने
आ जाएगा
रोज रातोंमें संवर जाने से क्या
होता है
रोशनी दिल में अगर है तो उजाला
होगा ही
महफिलों नें शमा जलाने से क्या
होता है
बात तो जब है हया हुस्न का जेवर हो जाए
आइना देख के शरमाने से क्या
होता है
भूख कहते हैं किसे रोटी की कीमत समझो
भेंट मंदिर में चड़ाने से क्या होता
है
डूबके दरिया में कुछ मोती लाओ
सिर्फ साहिल पे टहल जाने से
क्या होता है
महेन्द्र साहिल
आ जाएगा
रोज रातोंमें संवर जाने से क्या
होता है
रोशनी दिल में अगर है तो उजाला
होगा ही
महफिलों नें शमा जलाने से क्या
होता है
बात तो जब है हया हुस्न का जेवर हो जाए
आइना देख के शरमाने से क्या
होता है
भूख कहते हैं किसे रोटी की कीमत समझो
भेंट मंदिर में चड़ाने से क्या होता
है
डूबके दरिया में कुछ मोती लाओ
सिर्फ साहिल पे टहल जाने से
क्या होता है
महेन्द्र साहिल
0 comments:
Post a Comment