माना की भाव हमारे हैं आदेश शारदे मां की है
क्या कोई आहत हुआ संदेश शारदे मां की है
~
दुनियां ने दुत्कार दिया तो मां ने ऐसा ज्ञान दिया
दी हाथ कलम मैं थाम लिया मां ने ये वरदान दिया
~
ना हुआ हृदय हीं स्पदंन ना रोक सके कोई क्रंदन
ना हरे पीर दुखियारों की ना काट सके कोई बंधन
~
अन्यत्र विचरते रहे सदा छोड़ मनुजता का तुम पथ
बदलो समाज की तुम काया चलने क्याें ना हो अग्निपथ
~
कवियों में तेरे नाम बड़े फुलों की ढ़ेरों हार चढे
पर हैं विचार गलित कुष्ठ ना पिछड़े की पीर पढे
~
भुखों का हक ना दिला सके कलमकार तुम कैसा है
सच को गर सच ना लिख पाया सृजनकार तुम कैसा है
~
उदय शंकर चौधरी नादान
7738559421
क्या कोई आहत हुआ संदेश शारदे मां की है
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दुनियां ने दुत्कार दिया तो मां ने ऐसा ज्ञान दिया
दी हाथ कलम मैं थाम लिया मां ने ये वरदान दिया
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ना हुआ हृदय हीं स्पदंन ना रोक सके कोई क्रंदन
ना हरे पीर दुखियारों की ना काट सके कोई बंधन
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अन्यत्र विचरते रहे सदा छोड़ मनुजता का तुम पथ
बदलो समाज की तुम काया चलने क्याें ना हो अग्निपथ
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कवियों में तेरे नाम बड़े फुलों की ढ़ेरों हार चढे
पर हैं विचार गलित कुष्ठ ना पिछड़े की पीर पढे
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भुखों का हक ना दिला सके कलमकार तुम कैसा है
सच को गर सच ना लिख पाया सृजनकार तुम कैसा है
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उदय शंकर चौधरी नादान
7738559421
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