हिंदी साहित्य का आधुनिक काल भारत के इतिहास के बदलते हुए स्वरूप से प्रभावित था। स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्रीयता की भावना का प्रभाव साहित्य में भी आया। भारत में औद्योगीकरण का प्रारंभ होने लगा था। आवागमन के साधनों का विकास हुआ। अंग्रेजी और पाश्चात्य शिक्षा का प्रभाव बढा और जीवन में बदलाव आने लगा।

Monday, 6 March 2017

kavi Suresh Hasya Hindi Kavita


⁠⁠⁠⁠2/27/2017⁠⁠⁠⁠⁠


⁠⁠[10:11 PM, 2/27/2017] Hashy Kavi Suresh Sir: ⁠⁠⁠
🙏🏻
⁠⁠⁠⁠10:11 PM⁠⁠⁠⁠⁠
⁠⁠⁠⁠2/28/2017⁠⁠⁠⁠⁠


⁠⁠[9:10 AM, 2/28/2017] Hashy Kavi Suresh Sir: ⁠⁠⁠यूपी में डिंपल भउजी क मुसीबत वाला प्रचार ^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^ 😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀 डिंपल भउजी मांगतीं,घूमि-घूमि इस बार फागुन के मौसम गजब,देवर भइल लबार देवर भइल लबार, लिए पिचकारी धावा वोटिया देबइ तबइ ,तनिक हमसी डरवावा कह सुरेश सुनतइ भउजी के भइल रतउंधी देवर देखि पराइ चलिन,बिजुरी जस भउजी ।। 😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀 सुरेश मिश्र 09869141831 09619872154
⁠⁠⁠⁠9:10 AM⁠⁠⁠⁠⁠


⁠⁠[9:30 PM, 2/28/2017] Hashy Kavi Suresh Sir: ⁠⁠⁠वाह रे लोकतंत्र !! ****** 'भारत मुर्दाबाद', बताया लोगों ने, उनके प्रति आभार जताया लोगों ने, 'वोट बैंक' की माया देखो भारत में- गदहों को भी बाप बनाया लोगों ने ।। सुरेश मिश्र 09619872154 09869141831
⁠⁠⁠⁠9:30 PM⁠⁠⁠⁠⁠


⁠⁠[11:48 PM, 2/28/2017] +91 87951 24923: ⁠⁠⁠😇😇🙏🏻🙏🏻😇
⁠⁠⁠⁠11:48 PM⁠⁠⁠⁠⁠


⁠⁠[9:22 AM, 3/1/2017] Hashy Kavi Suresh Sir: ⁠⁠⁠बुरा न मानो होली है ^^^^^^^^^^^^^^^^^^^ होली मुड़वा पर चढ़ल, ललुवा चलइ उतान यूपी जाके देत बा, ऊल-जलूल बयान ऊल-जलूल बयान, मुलायम करइं 'पदोरी' समधिनियन के देखि,नहीं डारौ रे डोरी कह सुरेश पिचकारी से रँगि-रँगि के चोली ललुवा बोल्यो, समधिन बुरा न मानो होली । सुरेश मिश्र 09869141831 09619872154
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