कवि पवन शंखधार
__बुरा न मानो होली है कविता____
यू पी मैं अब कमल खिलैगो कौन रोकने बाला
सबके मुँह पे लटक गया है आज बडा सा ताला
साइकिल तो पंचर हुइ गयी है हाथी हुइ गओ बौरा
रैली सब मिट्टी में मिल गयी मिल गये सबरे दौरा
पप्पू ने इज्जत कर दयी तार तार रसिया
कमल ने बना लयी सरकार रसिया
जोरदार रसिया
____ कवि पवन शंखधार बदायूँ
दि० ११ मार्च २०१७, ९९२७४३३४००
__बुरा न मानो होली है कविता____
यू पी मैं अब कमल खिलैगो कौन रोकने बाला
सबके मुँह पे लटक गया है आज बडा सा ताला
साइकिल तो पंचर हुइ गयी है हाथी हुइ गओ बौरा
रैली सब मिट्टी में मिल गयी मिल गये सबरे दौरा
पप्पू ने इज्जत कर दयी तार तार रसिया
कमल ने बना लयी सरकार रसिया
जोरदार रसिया
____ कवि पवन शंखधार बदायूँ
दि० ११ मार्च २०१७, ९९२७४३३४००
0 comments:
Post a Comment