हाथ मे हाथ हो तुम मेरे पास हो
जिन्दगी से मुझे और क्या चाहिए,
राह काटो भरी हो तेरा साथ हो
जिन्दगी से मुझे और क्या चाहिए।
हो मेरी भाग्यरेखा मेरी हमसफर
लगती आसान मुझको तेरे संग डगर,
तुम बिछड जाओ गर एक पल के लिए
डर सा जाता है मेरा ये नाजुक जिगर,
तुम सदा मेरे संग मुस्कुराती रहो
जिन्दगी से मुझे और क्या चाहिए,
प्रेम के गीत संग मेरे गाती रहो
जिन्दगी से मुझे और क्या चाहिए।
कवि सचिन साधारण
संपर्क -7786957386,8543889639
लखनऊ उ०प्र०
जिन्दगी से मुझे और क्या चाहिए,
राह काटो भरी हो तेरा साथ हो
जिन्दगी से मुझे और क्या चाहिए।
हो मेरी भाग्यरेखा मेरी हमसफर
लगती आसान मुझको तेरे संग डगर,
तुम बिछड जाओ गर एक पल के लिए
डर सा जाता है मेरा ये नाजुक जिगर,
तुम सदा मेरे संग मुस्कुराती रहो
जिन्दगी से मुझे और क्या चाहिए,
प्रेम के गीत संग मेरे गाती रहो
जिन्दगी से मुझे और क्या चाहिए।
कवि सचिन साधारण
संपर्क -7786957386,8543889639
लखनऊ उ०प्र०
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