आज कलम से गद्दारों से दंगा करने उतरा हूं
नीच सियासत दानों को मैं नंगा करने उतरा हूं
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आज कलम ये दिखलाएगी सत्तर साल के पापो को
आज कलम है संकल्पित नोचेगी गहरी घावों को
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आजाद हिन्द के दिवानों की दिए हुए कुर्बानी को
मां का आंचल चिर दिया उस गांधी के नादानी को
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जो बचा यहां पर हिन्दु हिन्द क्यों उससे मक्कारी की
हिन्दुराष्ट्र घोषित ना की भारत से क्यों गद्दारी की
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कारसेवकों पर गोली सिक्खों पर का नरसंहार हुआ
कहीं किसान खेत में मरता सरहद पर हाहाकार हुआ
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काश्मीर केरल कैराना बंगाल क्यूं रोता है
तीन तलाक तेरह बच्चे ले पाप सरों पे धोता है
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"नादान" नहीं इतनी जनता हर बात समझती है
देख हवा का रुख सदा वो वही दिशा में चलती है
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आज प्रचंड बहुमत देकर जनता नें तुझे संवारा है
किया सर्पपण देश तुझे आगे कर्तव्य तुम्हारा है
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तेरे जीत में हार छुपी है यही बताने लिखा हूं
भय दहशत बलात् कुशासन हारी वो मैं लिखा हूं
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सत्य न्याय और राष्ट्रवाद के हत्यारे सब हारे हैं
पुरुखों की जो ईज्जत बेचे वही लोग तो हारे हैं
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श्री राम और गौ गंगा गीता के अरि की हार हूई
बेटा बाप की नुरा कुश्ती की भी इसमें हार हुई
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गायत्री कृष्णानंद का पाप इन्हें डुबाया है
मोदी के टुकड़े कर दो फटवा इन्हें मिटाया है
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सत्ता के खातिर बिके हुए बस आज दलाल वो हारे हैं
श्रीराम को तंबू में रखने वाले हीं हारे हैं
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आजाद हिन्द के नायक को हिन्दु ने सर पे ताज दिया
गौ गंगा गीता के साधक मन से आर्शिवाद दिया
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कहे कवि उदर शंकर भारत है भगवाधारी का
करो जरा अब कीर्तिमान भारत के हर नर नारी की
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मान मसीहा चुना है तुझको तकदीर बदलनी है
भारत माता की धुंधली तस्वीर तुझे बदलनी है
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जीत तुम्हारी हुई सहीं पर हिन्दुत्व की जीत है ये
अवधपुरी के आंगन में रामभूमि की नींव है ये
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उदय शंकर चौथरी नादान
पटोरी दरभंगा बिहार
7738559421
नीच सियासत दानों को मैं नंगा करने उतरा हूं
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आज कलम ये दिखलाएगी सत्तर साल के पापो को
आज कलम है संकल्पित नोचेगी गहरी घावों को
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आजाद हिन्द के दिवानों की दिए हुए कुर्बानी को
मां का आंचल चिर दिया उस गांधी के नादानी को
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जो बचा यहां पर हिन्दु हिन्द क्यों उससे मक्कारी की
हिन्दुराष्ट्र घोषित ना की भारत से क्यों गद्दारी की
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कारसेवकों पर गोली सिक्खों पर का नरसंहार हुआ
कहीं किसान खेत में मरता सरहद पर हाहाकार हुआ
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काश्मीर केरल कैराना बंगाल क्यूं रोता है
तीन तलाक तेरह बच्चे ले पाप सरों पे धोता है
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"नादान" नहीं इतनी जनता हर बात समझती है
देख हवा का रुख सदा वो वही दिशा में चलती है
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आज प्रचंड बहुमत देकर जनता नें तुझे संवारा है
किया सर्पपण देश तुझे आगे कर्तव्य तुम्हारा है
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तेरे जीत में हार छुपी है यही बताने लिखा हूं
भय दहशत बलात् कुशासन हारी वो मैं लिखा हूं
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सत्य न्याय और राष्ट्रवाद के हत्यारे सब हारे हैं
पुरुखों की जो ईज्जत बेचे वही लोग तो हारे हैं
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श्री राम और गौ गंगा गीता के अरि की हार हूई
बेटा बाप की नुरा कुश्ती की भी इसमें हार हुई
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गायत्री कृष्णानंद का पाप इन्हें डुबाया है
मोदी के टुकड़े कर दो फटवा इन्हें मिटाया है
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सत्ता के खातिर बिके हुए बस आज दलाल वो हारे हैं
श्रीराम को तंबू में रखने वाले हीं हारे हैं
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आजाद हिन्द के नायक को हिन्दु ने सर पे ताज दिया
गौ गंगा गीता के साधक मन से आर्शिवाद दिया
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कहे कवि उदर शंकर भारत है भगवाधारी का
करो जरा अब कीर्तिमान भारत के हर नर नारी की
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मान मसीहा चुना है तुझको तकदीर बदलनी है
भारत माता की धुंधली तस्वीर तुझे बदलनी है
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जीत तुम्हारी हुई सहीं पर हिन्दुत्व की जीत है ये
अवधपुरी के आंगन में रामभूमि की नींव है ये
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उदय शंकर चौथरी नादान
पटोरी दरभंगा बिहार
7738559421
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