Waseek Ansari
परेशां क्यों हैं हम मालूम इतना कर लिया जाये
किसी दिन इस घुटन का इस्तखारा कर लिया जाये
अंधेरे ज़िन्दगी से ख़ुद ब ख़ुद मिट जायेंगे सारे
दिलों में बस मुहब्बत का उजाला कर लिया जाये.।
परेशां क्यों हैं हम मालूम इतना कर लिया जाये
किसी दिन इस घुटन का इस्तखारा कर लिया जाये
अंधेरे ज़िन्दगी से ख़ुद ब ख़ुद मिट जायेंगे सारे
दिलों में बस मुहब्बत का उजाला कर लिया जाये.।
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