फिजा का श्रिंगार
प्रकृती नहलायी सी लगती है ,
हर पती इठलायी सी लगती है ,
हर कली बल खायी सी लगती है,
फूल की अभिलाषा छायी सी लगती है ....
अभिनन्दन,
शेलेंन्द्र .....
प्रकृती नहलायी सी लगती है ,
हर पती इठलायी सी लगती है ,
हर कली बल खायी सी लगती है,
फूल की अभिलाषा छायी सी लगती है ....
अभिनन्दन,
शेलेंन्द्र .....
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