दोस्तो, एक मुक्तक होली के प्रेम रंग में डूबा आप सबकी नजर होली की दिली शुभकामनाओं के साथ------
धीरे से वो मुझसे बोली कल मिलना खेलेंगे होली,
प्रेम के रंग में डूब के सजना खेलूँगी संग तेरे होली,
डाल के रंग तूँ भूल जा सजना तकरार जो हो ली,
फिर आया फ़ाग झूम के आ मिलकर खेलें होली।
---आपका अपना मित्र नरेश मलिक
Copyright@ naresh malik
धीरे से वो मुझसे बोली कल मिलना खेलेंगे होली,
प्रेम के रंग में डूब के सजना खेलूँगी संग तेरे होली,
डाल के रंग तूँ भूल जा सजना तकरार जो हो ली,
फिर आया फ़ाग झूम के आ मिलकर खेलें होली।
---आपका अपना मित्र नरेश मलिक
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