प्रेम बरसाओ रंग गुलाल लगाओ आप,
सप्तरंगी सरिता में डुबकी लगाइये।
जीवन की पतंग डोर टूट न पाये कभी,
रंग लगा गालो पर प्यारी को हँसाइये।
मीठे-मीठे मधुर दो चार बोल,बोल प्यारे,
सबके दिल अपने नाम कर जाइये।
मुख मकरन्द मुस्कराते रसीले ओठ हो,
गुलाल लगाने में तब मत शर्माइये।।@।।
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
हिन्दी कवि अंकित चक्रवर्ती
8954702290
सप्तरंगी सरिता में डुबकी लगाइये।
जीवन की पतंग डोर टूट न पाये कभी,
रंग लगा गालो पर प्यारी को हँसाइये।
मीठे-मीठे मधुर दो चार बोल,बोल प्यारे,
सबके दिल अपने नाम कर जाइये।
मुख मकरन्द मुस्कराते रसीले ओठ हो,
गुलाल लगाने में तब मत शर्माइये।।@।।
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हिन्दी कवि अंकित चक्रवर्ती
8954702290
आप सबका प्यार
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ReplyDelete"होली से पहले हर हिन्दु ने अपना भेष बदल डाला।
ReplyDeleteकुर्ता टोपी मस्जिद वाला पूरा परिवेश बदल डाला।
जो लोकतंत्र में अन्धे होकर मुस्लिम मुस्लिम करते थे।
मोदी जी ने हिन्दु कहकर पूरा प्रदेश बदल डाला।।
--- कवि देवेन्द्र शर्मा
मीरगंज ( बरेली )
सम्पर्क सूत्र -- 8979535257