तुम बन जाओ एक कली मै उसका उपवन बन जाऊं।
तेरे प्यार को पाकर के मै प्रेम रतन धन पाऊं।।
लैला मंजनू को भूल कसम खाये लोग हमारी,
तु ऊर्वशी ख्वाबो की मै पायल की छन बन जाऊं।।
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हिन्दी कवि अंकित चक्रवर्ती
8954702290
तेरे प्यार को पाकर के मै प्रेम रतन धन पाऊं।।
लैला मंजनू को भूल कसम खाये लोग हमारी,
तु ऊर्वशी ख्वाबो की मै पायल की छन बन जाऊं।।












हिन्दी कवि अंकित चक्रवर्ती
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