गजल
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ऐसे सन्नाटे में जो तेज हवायें रखें,
चिराग भी तो उजाला बनायें रखें,
इस इलाके में कई इश्क के मरीज हैं,
तो गुजारिश है पास में दवायें रखें,
उसको दिक्कत सिर्फ़ मुझी से होगी,
सीधी सी बात है दूरी बनायें रखें,
देखता हूं पर आप देखने नहीं देते,
ऐसा क्या है उसमें जो छुपाये रखें,
सुनने में अजीब लगता है 'सूफी',
लोग दिवारों में कान लगाये रखे
कपिल पालिया "सूफी "
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ऐसे सन्नाटे में जो तेज हवायें रखें,
चिराग भी तो उजाला बनायें रखें,
इस इलाके में कई इश्क के मरीज हैं,
तो गुजारिश है पास में दवायें रखें,
उसको दिक्कत सिर्फ़ मुझी से होगी,
सीधी सी बात है दूरी बनायें रखें,
देखता हूं पर आप देखने नहीं देते,
ऐसा क्या है उसमें जो छुपाये रखें,
सुनने में अजीब लगता है 'सूफी',
लोग दिवारों में कान लगाये रखे
कपिल पालिया "सूफी "
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