मैंने उस और दिल लगाना छोड़ दिया
ख्वाब को सच बताना छोड़ दिया
मालूम पड़ा जमी से दूर है आसमा
मैंने चाँद से दिल लगाना छोड दिया
वो रोज ख़्वाबों में आकर सताती थी
मैंने नींदों को सच बताना छोड़ दिया
मुझे देखकर लोग यहाँ डर जाते थे
खुद को आईना बनाना छोड़ दिया
नहीं बरदास थी जमाने को ख़ुशी हमारी
मैंने उन्हें देखकर मुस्कराना छोड़ दिया
कवि नदीम जगदीशपुरी
8795124923
ख्वाब को सच बताना छोड़ दिया
मालूम पड़ा जमी से दूर है आसमा
मैंने चाँद से दिल लगाना छोड दिया
वो रोज ख़्वाबों में आकर सताती थी
मैंने नींदों को सच बताना छोड़ दिया
मुझे देखकर लोग यहाँ डर जाते थे
खुद को आईना बनाना छोड़ दिया
नहीं बरदास थी जमाने को ख़ुशी हमारी
मैंने उन्हें देखकर मुस्कराना छोड़ दिया
कवि नदीम जगदीशपुरी
8795124923
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