मांग लेता तुमको मै,उस भाग्य विधाता से..
भगवान को भी मै ढूंढ ढूंढ थक गया।।
सुरमा लगाके ढूंढा,गली गली द्वारे द्वारे..
भाग्य लकीलो मे भी ढूंढ ढूंढ थक गया।।
चुम्बन कर लेता मै,चमकते झुमके का..
बरेली बाजार मे ढूंढ ढूंढ थक गया।।
सोचा शादी करूं किसी,मै देशभक्ति नारी से..
रानी मर्दानी को ढूंढ ढूंढ थक गया।।
�����������
हिन्दी कवि अंकित चक्रवर्ती
8954702290https://youtu.be/NFIyOrzTDtk
भगवान को भी मै ढूंढ ढूंढ थक गया।।
सुरमा लगाके ढूंढा,गली गली द्वारे द्वारे..
भाग्य लकीलो मे भी ढूंढ ढूंढ थक गया।।
चुम्बन कर लेता मै,चमकते झुमके का..
बरेली बाजार मे ढूंढ ढूंढ थक गया।।
सोचा शादी करूं किसी,मै देशभक्ति नारी से..
रानी मर्दानी को ढूंढ ढूंढ थक गया।।
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हिन्दी कवि अंकित चक्रवर्ती
8954702290https://youtu.be/NFIyOrzTDtk
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