गहन चिंतन जो तुम प्रेम का कर सको
प्रेम नभ में धरा में समां जाएगा
और कमिटमेंट दो तुम जरा प्रेम का
प्रेम नभ से भी ऊपर छा जाएगा
मनोज मस्ताना हास्य कवि
9027168899
प्रेम नभ में धरा में समां जाएगा
और कमिटमेंट दो तुम जरा प्रेम का
प्रेम नभ से भी ऊपर छा जाएगा
मनोज मस्ताना हास्य कवि
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