ऐ जिंदगी मौत को
ये खबर दे दे
वो नही मिली तू
ही हमसफर दे दे
मै मकफिर्त
चाहता हूँ इस जिंदगी से
कोई ला के मुझे
भी जहर दे दे
नही जीना जिंदगी
को इस जहाँ में
चाहे लाकर कोई
पूरा शहर दे दे
बेवफाई के तराने
उसके नाम लिख सकूं
ऐ लेखनी मुझको
कोई ऐसी बहेर दे दे
बनाया था रेत का
इक महल शाहिल पर
मिट जाए वो,ऐ
समन्दर कोई लहर दे दे
कवि नदीम जगदीशपुरी
उत्तर प्रदेश
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