जिस पे था ऐतबार लोगों का
उसने लूटा करार लोग का
ऐक कम अक्ल की हिमाकत से
पिट गया कारोबार लोगों का
है गरीबों से दुश्मनी उसको
अब तो यह है विचार लोगों का
सच तो यह है कि इस हुकूमत से
उठ गया ऐतबार लोग का
वह मुलव्विस है हर डकैती में
जो है खुद चौकीदार लोगों का
खून चूसा है किस लिये उसने
सिर्फ ईमानदार लोगों का
सब्र का इम्तेहां वह लेता है
किस लिए बार बार लोगों का
उसने आफ़त में डाल रखा है
जो है ख़िदमत गुज़ार लोग का
नफ़रतें भी वह देख सकता है
जिसने देखा है प्यार लोगों का
बे यकीनी है हर तरफ इरशाद
बंद है रोजगार लोगों का
✏ इरशाद देहलवी
उसने लूटा करार लोग का
ऐक कम अक्ल की हिमाकत से
पिट गया कारोबार लोगों का
है गरीबों से दुश्मनी उसको
अब तो यह है विचार लोगों का
सच तो यह है कि इस हुकूमत से
उठ गया ऐतबार लोग का
वह मुलव्विस है हर डकैती में
जो है खुद चौकीदार लोगों का
खून चूसा है किस लिये उसने
सिर्फ ईमानदार लोगों का
सब्र का इम्तेहां वह लेता है
किस लिए बार बार लोगों का
उसने आफ़त में डाल रखा है
जो है ख़िदमत गुज़ार लोग का
नफ़रतें भी वह देख सकता है
जिसने देखा है प्यार लोगों का
बे यकीनी है हर तरफ इरशाद
बंद है रोजगार लोगों का
✏ इरशाद देहलवी
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