<नेता>
मजहब के नाम पर ये सब कुछ मांगते हैं
मजहब के नाम पर ये सब कुछ मांगते हैं
इनका क्या कहें ये तो सब कुछ जानते हैं
मिले जगह जैसी वैसा ये भेष बदल लेते
अल्लाह हो या भगवान् ये सबको मानते है
कवि नदीम जगदीशपुरी
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