भले हों दूरियाँ दिल में मुहब्बत कम नहीँ होती
मगर टूटे हुए दिल की कोई मरहम नहीँ होती
लगा हो दाग दामन में उसे बेदाग कर पाए
किसी की आँख के पानी में इतनी दम नहीँ होती
कवि देवेन्द्र प्रताप सिंह "आग"
9675426080
मगर टूटे हुए दिल की कोई मरहम नहीँ होती
लगा हो दाग दामन में उसे बेदाग कर पाए
किसी की आँख के पानी में इतनी दम नहीँ होती
कवि देवेन्द्र प्रताप सिंह "आग"
9675426080
0 comments:
Post a Comment