'दहेज-प्रथा-नारें'
दहेज मत मागों दुखी रहोगे।
दुल्हन बस मागों सुखी रहोगे॥
दहेज मागों सम्मान गमाओ।
दुल्हन मागों सम्मान पाओ॥
सब जन मिल कर अब जुट जाओ।
दहेज-प्रथा को दूर भगाओ॥
जो चला गया सो जाने दो।
अब दहेज को मत आने दो॥
दहेज मत मागो दुल्हन का दिल टूटेगा।
समझदार दूल्हा आखिर क्यो? रूठेगा॥
अंधकार नही अब उजाला लाओ।
दहेज ही दुश्मन है यह सब को बतलाओ॥
पाप नही अब पुण्य कमाओ।
दहेज के प्रति आवाज उठाओ॥
दहेज-प्रथा को दूर भगाओ।
घर-घर में खुशहाली लाओ॥
दुश्मन चाहिए मुझे बताओ।
दहेज रूपी दुश्मन बस छोड़ कर आओ॥
सोच समझ कर करो विचार।
अब नही होने देगे अत्याचार॥
✍रामलाल प्रजापति 'रामू'
सतना(म.प्र.)
दहेज मत मागों दुखी रहोगे।
दुल्हन बस मागों सुखी रहोगे॥
दहेज मागों सम्मान गमाओ।
दुल्हन मागों सम्मान पाओ॥
सब जन मिल कर अब जुट जाओ।
दहेज-प्रथा को दूर भगाओ॥
जो चला गया सो जाने दो।
अब दहेज को मत आने दो॥
दहेज मत मागो दुल्हन का दिल टूटेगा।
समझदार दूल्हा आखिर क्यो? रूठेगा॥
अंधकार नही अब उजाला लाओ।
दहेज ही दुश्मन है यह सब को बतलाओ॥
पाप नही अब पुण्य कमाओ।
दहेज के प्रति आवाज उठाओ॥
दहेज-प्रथा को दूर भगाओ।
घर-घर में खुशहाली लाओ॥
दुश्मन चाहिए मुझे बताओ।
दहेज रूपी दुश्मन बस छोड़ कर आओ॥
सोच समझ कर करो विचार।
अब नही होने देगे अत्याचार॥
✍रामलाल प्रजापति 'रामू'
सतना(म.प्र.)
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